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वैभव सूर्यवंशी का भी डूब जाएगा करियर? राहुल द्रविड़ के रहते इन 3 युवा स्टार के साथ हो चुका है ऐसा

महज 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने इस वक्त आईपीएल में बल्ले से कोहराम मचा रखा है. वो आईपीएल में सबसे कम उम्र में शतक जड़ने वाले बल्लेबाज बन गए हैं, जिससे हर कोई हैरान है. उन्हें अभी से भविष्य का क्रिस गेल और ब्रायन लारा बताया जाने लगा है. लेकिन इस बीच एक ऐसी सच्चाई सामने आई है, जिसे जानने के बाद फैंस के मन में वैभव का करियर डूबने का खतरा सताने लगा है. दरअसल, पहले भी द्रविड़ के रहते हुए 3 युवा खिलाड़ियों के साथ ऐसा हो चुका है. द्रविड़ के कोच या कप्तान रहते हुए बहुत कम उम्र में ये प्लेयर्स स्टार बनकर उभरे. उनकी खूब तारीफ हुई, लेकिन वो इंटरनेशनल लेवल पर कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके. इसलिए खुद द्रविड़ ने भी वैभव सूर्यवंशी को लेकर सावधानी बरतने की अपील की है. आइये जानते हैं कौन हैं ये खिलाड़ी?

मनीष पांडे ने 19 की उम्र में जड़ा था शतक

मनीष पांडे अंडर-19 वर्ल्ड कप में विराट कोहली के साथ खेल चुके हैं. उन्होंने में कोहली के साथ ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए आईपीएल डेब्यू भी किया था. इसके बाद 2009 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में खेलते हुए उन्होंने महज 19 साल की उम्र में RCB के लिए शतक जड़कर इतिहास रच दिया था. वो इस टूर्नामेंट में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बन गए थे. मनीष पांडे की विस्फोटक बल्लेबाजी और प्रतिभा को देखते हुए भविष्य का सितारा बताया जाने लगा.

लेकिन इसके बाद कभी भी वो इस टूर्नामेंट में शतक नहीं लगा सके. वहीं आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन साधारण रहा है. उन्होंने इस लीग के 172 मुकाबलों में 29 की औसत और 121 के स्ट्राइक रेट से 3869 रन बनाए हैं. मनीष पांडे ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू तो किया लेकिन वो खास कमाल नहीं कर पाए. उन्होंने भारत के लिए सिर्फ 29 वनडे खेले हैं, जिसमें 33.29 की औसत से 566 रन बनाए हैं. वहीं 39 टी20 मुकाबलों में 44 की औसत और 126 के स्ट्राइक रेट से 709 रन बनाए है, जबकि टेस्ट में डेब्यू भी नहीं कर पाए.

श्रीवत्स गोस्वामी नहीं कर सके डेब्यू

विकेटकीपर-बल्लेबाज श्रीवत्स गोस्वामी ने भी द्रविड़ की कप्तानी में ही RCB के लिए 2008 में डेब्यू किया था. महज 19 साल की उम्र में वो आईपीएल के पहले इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द सीजन बने थे. लेकिन वो कभी भी टीम इंडिया के लिए डेब्यू नहीं कर सके.

पृथ्वी शॉ रहे अनसोल्ड

पृथ्वी शॉ की कप्तानी में भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था. इस दौरान टीम के कोच राहुल द्रविड़ थे. इस टूर्नामेंट के जीतने के बाद शॉ को अगला सचिन तेंदुलकर कहा जाने लगा था. आईपीएल से उन्होंने करोड़ों कमाए और वो करीब 7 सीजन तक दिल्ली की टीम से जुड़े रहे. लेकिन इस दौरान वो कभी भी अपनी छाप नहीं छोड़ सके. नतीजा ये हुआ कि IPL 2025 के मेगा ऑक्शन वो अनसोल्ड रहे. वहीं दूसरी ओर उन्होंने टीम इंडिया के लिया डेब्यू किया, लेकिन अभी तक सिर्फ 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी20 खेल पाए हैं. टीम इंडिया से भी वो करीब 4 साल से बाहर हैं.

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