कालाष्टमी पर करें यह पाठ, हर दुख और संकट से मिलेगी मुक्ति

हर माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है. यह दिन भगवान काल भैरव की पूजा-अर्चना के लिए बहुत शुभ होता है. भगवान काल भैरव शिव जी का रौद्र रुप हैं. कालाष्टमी का व्रत रखने और पूजा करने से भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. भगवान काल भैरव के आशीर्वाद से जीवन खुशहाल होता है.
कालाष्टमी के दिन व्रत और पूजा करने से भगवान की कृपा से घर में धन-धान्य कभी कम नहीं होता. कालाष्टमी व्रत के दिन भगवान काल भैरव की पूजा-अर्चना के साथ-साथ कालभैरवाष्टकम् का पाठ करना चाहिए. इसका पाठ करने से सदा काल भैरव की कृपा दृष्टि बनी रहती है. भगवान के आशीर्वाद से हर दुख और संकट से मुक्ति मिलती है.
कालभैरवाष्टकम्
देवराजसेव्यमानपावनांघ्रिपङ्कजं
व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम् ,
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे।
भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं
नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम्,
कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे।
शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं
श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम्,
भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे।
भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं
भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम्,
विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे।
धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं
कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम्,
स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे।
रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं
नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरंजनम्,
मृत्युदर्पनाशनं करालदंष्ट्रमोक्षणं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे।
अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं
दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम्,
अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे।
भूतसंघनायकं विशालकीर्तिदायकं
काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम्,
नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं
काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे।
कालभैरवाष्टकं पठंति ये मनोहरं
ज्ञानमुक्तिसाधनं विचित्रपुण्यवर्धनम्,
शोकमोहदैन्यलोभकोपतापनाशनं
प्रयान्ति कालभैरवांघ्रिसन्निधिं नरा ध्रुवम्।
इथि श्रीमास्चंकराचार्य विरचितं कालभैरवाष्टकम् सम्पूर्णम।




