जयपुर के अस्पताल का ‘चूहा कांड’, ब्लड कैंसर का इलाज कराने आया बच्चा, मासूम के पैर कुतर गए; मौत
जयपुर के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में ब्लड कैंसर से जूझ रहे 10 साल के बच्चे ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. बीते दिनों अस्पताल में बच्चे के पैर के अंगूठे को चूहे ने कुतर दिया था. बच्चे के रोने के बाद जब परिजनों ने देखा तो पैर से खून बहता मिला और वहां उन्हें चूहा दिखाई दिया. परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ को जानकारी दी तो स्टाफ ने मामले को सीरियसली नहीं लिया और बच्चे के पैर पर पट्टी बांध दी. वहीं, इस बारे में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट अधीक्षक डॉ. संदीप जसूजा का कहना है कि बच्चे की हालत काफी गंभीर थी, लाख प्रयास के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका.
अस्पताल में भर्ती 10 साल के अंश ने शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान तोड़ा दम दिया. परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे थे. बुधवार को पीड़ित बच्चे को ओंकोलॉजी विभाग में दिखाने के बाद पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती कराया गया था. परिजनों ने बताया कि इलाज के दौरान जब बच्चा अस्पताल के बेड पर था तो वह बहुत तेज रोया. जब उन्होंने बच्चे के ऊपर पड़ा कंबल हटाया तो उसमें से एक चूहा निकलते देखा. जब उन्होंने बच्चे के पैर को देखा तो उसमें से खून बह रहा था.
परिजनों ने चूहे से बचने के लिए छत पर लगाए टेप
मृतक बच्चे अंश के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. वार्ड में चूहे घूमते रहते हैं. उनका कहना है कि उन्होंने खुद चूहों की रोकथाम के लिए वार्ड की छत पर टेप लगाया था. उनका कहना है कि चूहे ने उनके बेटे के पैर के अंगूठे की कुतर दिया था. जब उन्होंने देखा तो अंगूठे से खून बह रहा था. उन्होंने इसकी जानकारी अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को दी. उन्होंने सिर्फ बेटे के पैर में पट्टी बांधी थी. इस पूरे घटनाक्रम के बाद शुक्रवार सुबह बच्चे ने दम तोड़ दिया.
शरीर पर हो गए थे अल्सर
मामले को लेकर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर संदीप जसूजा का कहना है कि बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. उसके पूरे शरीर पर अल्सर हो गए थे. चूहे काटने की बात पर भी उन्होंने कहा कि बच्चे की मां ने चूहा देखा था, लेकिन जब प्रशासन पहुंचा तो चूहा दिखाई नहीं दिया. डॉक्टर संदीप ने बताया कि बच्चा काफी सीरियस हालत में था. अल्सर की वजह से उकसे पट्टी बंधी हुई थी. बच्चे को चूहे ने काटा यह उनकी मां को भी कन्फर्म नहीं है. उनका कहना है कि अस्पताल में सफाई का ठेका बदला गया है. ठेकेदार नया है उसे समझने में अभी वक्त लगेगा.