राजनीति

जहां बहाया गया खून वहीं से आतंकियों को कड़ा संदेश, आज पहलगाम में उमर सरकार की कैबिनेट मीटिंग

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने बड़ा फैसला लिया है. सीएम उमर उसी बैसरन घाटी में अपनी कैबिनेट की बैठक करने जा रहे है जहां आतंकियों ने मासूम पर्यटकों का खून बहाया था. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में, राज्य के बाहर पहली बार आयोजित की जा रही है. इसके पीछे की वजह ठप पड़े पर्यटन को एक फिर से जीवित करना है. इसके लिए सरकार ने केंद्र से भी मदद मांगी है.

जम्मू-कश्मीर कैबिनेट, शीर्ष सिविल और पुलिस अधिकारी श्रीनगर के सिविल सचिवालय में नहीं, बल्कि मंगलवार को पहलगाम के एक रिसॉर्ट में मुलाकात करने वाले हैं. यह बैठक पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के करीब एक महीने बाद होने जा रही है. इस आतंकी हमलें 26 लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे.

पहली बार राजधानी से बाहर हो रही बैठक

इस सरकार के कार्यकाल में यह पहली बार है जब कैबिनेट बैठक सामान्य ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर या शीतकालीन राजधानी जम्मू से बाहर होगी. पहलगाम में बैठक की वजह एकजुटता दिखाना और पर्यटन क्षेत्र को दोबारा जीवित करना है. हमले के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में पर्यटन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. जहां इस सीजन में होटल पूरे बुक रहा करते थे, आज वे खाली पड़े हैं. इससे न सिर्फ पर्यटन को घाटा हो रहा है बल्कि जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर भी बुरी असर पड़ रहा है.

क्या है इस कैबिनेट बैठक का मकसद

सीएम उमर के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक का एजेंडा अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि इस बैठक का महत्व राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक तत्वों को यह प्रतीकात्मक संदेश देने में अधिक है कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.

उमर पहले भी कर चुके राजधानी से बाहर कैबिनेट बैठक

अब्दुल्ला ने 2009-14 तक पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान उत्तरी कश्मीर के गुरेज, माछिल, तंगधार और जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुंछ क्षेत्रों जैसे दूरदराज के इलाकों में कैबिनेट बैठक की थीं. मुख्यमंत्री का मानना है कि सरकार के इन ठोस प्रयासों से जनता का डर काफी हद तक कम होगा, सुरक्षा और विश्वास की नई भावना पैदा होगी और अंततः कश्मीर घाटी में पर्यटन के पुनरुद्धार का मार्ग प्रशस्त होगा. जिससे बहुत जरूरी आर्थिक राहत मिलेगी और सामान्य स्थिति लौटेगी.

22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम में आतंकी हमला

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे. इसके साथ ही कई लोग घायल भी हुए थे. यहां आतंकियों ने पर्यटकों को धर्म पूछकर मौत के घाट उतारा था. इस हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों का खात्मा किया था. हमले के बाद जम्मू-कश्मीर से पर्यटकों ने वापसी कर ली थी. इसके बाद से ही पूरी घाटी अब तक खाली पड़ी हुई है. इसके कारण लोकल व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसी स्थिति को सुधारने के लिए सरकार पहलगाम में कैबिनेट बैठक करने जा रही है. इससे लोगों के अंदर का डर खत्म होगा.

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