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‘वीरता पुरस्कार’ में नॉमिनेशन होना हरियाणा पुलिस अधिकारियों को पड़ा भारी, अब गृह मंत्रालय खोल रहा किसान आंदोलन की फाइल

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार की तरफ से वीरता पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किए गए चार पुलिस अधिकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय की जांच के दायरे में आते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि मंत्रालय ने हरियाणा सरकार से 2 IPS और हरियाणा पुलिस के 2 अधिकारियों की तरफ से किसानों पर की गई गोलीबारी की जानकारी मांगी है।

क्या था मामला

पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर हरियाणा सरकार के उस हालिया फैसले पर आपत्ति जताई, जिसमें ‘दिल्ली चलो’ अभियान के तहत किसानों को दिल्ली कूच करने से रोकने में भूमिका के लिए पुलिस अधिकारियों को वीरता पदक देने की सिफारिश की गई है।

हरियाणा सरकार ने हाल में केंद्र को भेजी अपनी सिफारिश में वीरता पदक से सम्मानित करने के लिए पुलिस अधिकारियों के नाम दिए हैं, जिनमें से दो आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) और दो अन्य हरियाणा पुलिस सेवा से हैं। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों को फरवरी में राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने से रोक दिया गया था। मंगलवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में विधानसभा अध्यक्ष संधवान ने लिखा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों को बदनाम किया जा रहा है और उनके साथ बेहद अनुचित व्यवहार किया जा रहा है, जबकि वे लंबे समय से लंबित अपनी मागों के लिए पंजाब में शातिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक द्वारा उन पुलिस अधिकारियों को वीरता पदक देने की सिफारिश की कड़ी निंदा की, जिन्होंने ‘शंभू बॉर्डर पर किसानों के मार्च को रोकने में भूमिका निभाई थी।’

वहीं अधिकारियों को सम्मानित करने के फैसले का किसानों ने विरोध किया है। भारतीय किसान एकता के प्रदेशाध्यक्ष लखविंद्र ने हरियाणा पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति अवार्ड देना निंदनीय। किसानों ने भाजपा सरकार को दी बड़ी चेतावनी है कि अगर करना ही है तो रोजाना बॉर्डर पर शहीद हो रहे जवानों को सम्मानित करें।

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