रेलवे का नया प्लान: वंदे भारत और हाइड्रोजन ट्रेन 250 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी

भारतीय रेलवे अब सचमुच बुलेट मोड में आने वाला है! 250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वाली ट्रेनों पर तेजी से काम चल रहा है और जल्द ही ये हकीकत बनेंगी. ये बातें लखनऊ में रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) के महानिदेशक उदय बोरवणकर ने कहीं.
गोमतीनगर में सीआईआई और RDSO की ओर से आयोजित ‘रेलवे में नवीन प्रौद्योगिकियां’ सम्मेलन में उदय बोरवणकर ने कहा, हम सिर्फ सेमी हाई-स्पीड (वंदे भारत जैसी) ट्रेनों पर ही नहीं, बल्कि पूरी तरह 250 किमी/घंटा स्पीड वाली अगली पीढ़ी की ट्रेनों पर भी तेजी से काम कर रहे हैं. के ट्रायल सफलतापूर्वक चल रहे हैं और इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है.
उन्नत सिग्नलिंग-बेहतर कम्युनिकेशन पर जोर
बोरवणकर ने कहा कि कुछ मालगाड़ियों की स्पीड 75 से बढ़ाकर 160 किमी/घंटा की जा चुकी है, अब 200 किमी/घंटा का टारगेट है. नई जनरेशन बोगियां तैयार हो रही हैं जो एक साथ 2000 यात्री ले जा सकेंगी. एआई आधारित नाइट पेट्रोलिंग सिस्टम जल्द शुरू होगा. कर्मचारियों की मुश्किलें कम होंगी, हादसे भी घटेंगे. उन्नत सिग्नलिंग, बेहतर कम्युनिकेशन और एंटी-कोलिजन सिस्टम से रेलवे को दुनिया के सबसे सुरक्षित नेटवर्क में शुमार करने की योजना.
- अगले 2-3 साल में पटरी पर उतरेंगी 200 नई वंदे भारत ट्रेनें
- 100 अमृत भारत ट्रेनें
- 50 नमो भारत (RRTS) ट्रेनें
- 17,500 नए जनरल नॉन-एसी कोच
अवध रेल इंफ्रा लिमिटेड के एमडी अभिषेक सर्राफ ने बताया कि ये सभी प्रोजेक्ट तेज गति से चल रहे हैं और तय समय से पहले पूरा करने का लक्ष्य है. सम्मेलन के सह-अध्यक्ष रनीत राणा ने कहा, पिछले कुछ सालों में रेलवे ने जो छलांग लगाई है, उसने पूरे देश का विश्वास जीता है. अब जो हो रहा है, वह भविष्य को और रोमांचक बनाने वाला है.
200 से ज्यादा उद्योग प्रतिनिधियों की मौजूदगी में हुए इस सम्मेलन ने साफ कर दिया कि भारतीय रेलवे अब सिर्फ ट्रेन चलाने वाला विभाग नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे आधुनिक और तेज रेल प्रणाली बनाने की दिशा में बुलेट रफ्तार से बढ़ रहा है. जल्द ही वो दिन आएगा जब दिल्ली से लखनऊ, मुंबई से अहमदाबाद या चेन्नई से बेंगलुरु की महज कुछ घंटों में पूरी हो जाएगी.




