नवजोत कौर सिद्धू का पाला बदलने का सवाल, BJP में शामिल होने की चर्चाएं तेज
पंजाब की राजनीति में नवजोत कौर सिद्धू को लेकर अटकलें तेज हो गयी है. नवजोत कौर सिद्धू की सोशल मीडिया पर हाल ही में की गई एक पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी है. इस पोस्ट में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा की है. दरअसल, नवजोत कौर सिद्धू ने पंजाब में खनन और वन क्षेत्र में कमी के मुद्दे पर केंद्र सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई के लिए अमित शाह को धन्यवाद दिया है. इसके अलावा, उन्होंने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की भी प्रशंसा की है.
इससे पहले नवजोत कौर सिद्धू ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी और उनकी जमकर तारीफ की थी. इन तारीफों के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि सिद्धू दंपति भाजपा में वापसी की तैयारी कर रहे हैं.
नवजोत कौर सिद्धू को कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया है और उन्होंने पंजाब कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग को अध्यक्ष पद स्वीकार करने से भी इनकार कर दिया है. हाल ही में नवजोत कौर सिद्धू के ‘मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए 500 करोड़ रुपये’ वाले बयान से राजनीतिक माहौल गरमा गया था. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था. इसी बीच, नवजोत कौर सिद्धू का भाजपा नेताओं की ओर झुकाव नए संकेत दे रहा है.
नवजोत कौर सिद्धू का बीजेपी से है पुराना नाता
नवजोत कौर भाजपा के लिए कोई अजनबी नहीं हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से ही की थी. 2012 में वे भाजपा के टिकट पर अमृतसर पूर्व से विधायक चुनी गईं. बाद में, उन्होंने तत्कालीन अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार में मुख्य संसदीय सचिव के रूप में कार्य किया. 2016 में, वे अपने पति नवजोत सिद्धू के साथ कांग्रेस में शामिल हो गईं. सिद्धू दंपति अकाली दल के विरोधी थे. सिद्धू इस बात से नाराज थे कि अकाली दल के दबाव में अरुण जेटली को उनकी अमृतसर सीट से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया था.
नवजोत सिद्धू ने शुरू की चुनाव की तैयारी
नवजोत कौर सिद्धू ने कहा है कि उनके पति नवजोत सिंह सिद्धू तभी राजनीति में लौटेंगे, जब कांग्रेस उन्हें 2027 के चुनावों में मुख्यमंत्री बनाएगी. फिलहाल इसकी संभावना बहुत कम नजर आ रही है. नतीजतन, 2027 में सिद्धू के राजनीति में आने की संभावना भी कम होती जा रही है. नवजोत कौर ने कहा है कि सिद्धू ने उन्हें पूरी आजादी दी है, वे जो चाहें कर सकती हैं. यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर सिद्धू पूरी तरह से राजनीति छोड़ देते हैं, तो नवजोत कौर सिद्धू भाजपा में शामिल हो सकती हैं.




