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पुणे पोर्शे कार हादसाः पुलिस ने नाबालिग आरोपी के पिता को हिरासत में लिया, 2 लोगों की हुई थी मौत

महाराष्ट्र के पुणे में हुए कार सड़क हादसे को जिसने देखा उसकी रोंगटे खड़े हो गए. अब इस हादसे के आरोपी के पिता को पुलिस ने हिरासत में लिया है. एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि उसने आरोपी 17 साल के लड़के के पिता को हिरासत में लिया है. इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी. चश्मदीदों का कहना है कि कार की स्पीड करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा था.

पुलिस का दावा है कि बार में शराब पीने के बाद नशे में धुत होकर 17 साल का आरोपी पोर्शे कार को चला रहा था. उसने रविवार तड़के शहर के कल्याणी नगर इलाके में मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों को टक्कर मार दी थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई. पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा, ‘हमने किशोर के पिता को छत्रपति संभाजी नगर से हिरासत में लिया है और उन्हें पुणे लाया जा रहा है. उनके खिलाफ दर्ज मामले में उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.’

शराब के नशे में धुत था आरोपी

आरोपी के पिता रियल एस्टेट डेवलपर हैं. पुलिस का कहना है कि आरोपी के पिता के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत और एक कम उम्र के व्यक्ति को शराब परोसने के लिए बार के मालिकों व कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. पुलिस का कहना है कि इस हादसे की जांच क्राइम ब्रांच ट्रांसफर की गई है. धारा 75 किसी बच्चे की जानबूझकर उपेक्षा करना, या किसी बच्चे को मानसिक या शारीरिक बीमारियों की तरफ धकेलने से संबंधित है, जबकि धारा 77 किसी बच्चे को नशीली शराब या ड्रग्स की सप्लाई करने से संबंधित है.

FIR के अनुसार, आरोपी का पिता जानता था कि उसके बेटे के पार ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, इसके बावजूद भी उसे कार दी गई. ऐसा कर उसके जीवन को खतरे में डाल गया. साथ ही साथ पार्टी करने की इजाजत दी गई, जबकि पिता को पता था कि वह शराब पीता है. बताया गया है कि दोस्तों का एक ग्रुप पार्टी करने के बाद रविवार सुबह करीब 3.15 बजे मोटरसाइकिल पर लौट रहा था, तभी कल्याणी नगर जंक्शन पर तेज रफ्तार पोर्श कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी. पुलिस ने बताया कि इस हादसे में अनीस अवधिया और अश्विनी कोस्टा की मौत हो गई. दोनों इंजीनियर थे और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे.

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को निबंध लिखने को कहा

हादसे के आरोपी किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया गया, जिसने कुछ घंटों बाद उसे जमानत दे दी. साथ ही साथ ही बोर्ड ने निर्देश दिया कि वह क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट ऑफिस जाकर ट्रैफिक नियमों को पढ़े और 15 दिनों के भीतर बोर्ड के सामने प्रजेंटेशन दे. इसके अलावा आदेश में कहा गया है, ‘सीसीएल (चाइल्ड इन कॉन्फ्लिक्ट विद लॉ) सड़क दुर्घटनाओं और उनके समाधान विषय पर 300 शब्दों का एक निबंध लिखे.’ पुलिस के मुताबिक, किशोर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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