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एक और प्राइवेट बैंक बिकने की तैयारी में, मिडिल ईस्ट की कंपनी 15 हजार करोड़ का चेक लेकर आई

यस बैंक के बाद अब एक और प्राइवेट बैंक जल्द ​ही विदेशी हाथों में जाने वाला है. इस बार मिडिल ईस्ट का बड़ा बैंक इस रेस में सबसे आगे दिखाई दे रहा है. ईटी की रिपोर्ट में मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात का दूसरा सबसे बड़ा बैंक, एमिरेट्स एनबीडी बैंक पीजेएससी, आरबीएल बैंक के साथ 15,000 करोड़ रुपए (1.7 अरब डॉलर) के निवेश को अंतिम रूप देने और सबसे बड़ा और कंट्रोल शेयर होल्डर बनने के लिए बातचीत के फाइनल फेज में है.

उन्होंने बताया कि यह निवेश इक्विटी शेयरों और वारंटों के तरजीही आवंटन के रूप में होगा, जिसके बाद अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए एक खुली पेशकश की जाएगी. यह पूरा निवेश बैंक के रीकैपिटलाइजेशन में मदद के लिए प्राइमरी कैपिटल इंवेस्टमेंट के माध्यम से किया जाएगा. आरबीएल का मौजूदा मार्केट कैप 17,786.8 करोड़ रुपए है. इस प्रोसेस के पूरा होने पर, एमिरेट्स एनबीडी के पास विस्तारित इक्विटी पूंजी बेस का 51 फीसदी हिस्सा होने की उम्मीद है.

कब हो सकता है डील का ऐलान

उद्धृत लोगों में से एक ने बताया कि आरबीआई ने हाल के हफ्तों में कंट्रोल परिवर्तन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. इस ट्रांजेक्शन से एशिया में एमिरेट्स एनबीडी की उपस्थिति बढ़ेगी और हाई ग्रोथ वाले भारत-पश्चिम एशिया रेमिटेंस मार्केट में मजबूत स्थिति बनाने में मदद मिलेगी. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों में रहने वाले भारतीय, देश के प्रवासी प्रवासियों का लगभग आधा हिस्सा हैं. वित्त वर्ष 2024 में खाड़ी देशों से भारत को भेजे गए 38.7 अरब डॉलर में से आधे का योगदान यूएई से आया. यह भारत के लिए आवक धन का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है.

आरबीएल की की 18 अक्टूबर को बोर्ड बैठक है, जिसमें सितंबर में समाप्त तिमाही और अर्धवार्षिक परिणामों को मंजूरी दी जाएगी. उद्धृत सूत्रों ने कहा कि औपचारिक घोषणा उस समय या उससे भी पहले की जा सकती है. कोल्हापुर स्थित आरबीएल 100 फीसदी पब्लिक है, जिसमें कई घरेलू संस्थान और म्यूचुअल फंड छोटी हिस्सेदारी हैं. भारत में एमिरेट्स एनबीडी के सीईओ शरद अग्रवाल और आरबीएल बैंक की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं है. ईवाई और जेपी मॉर्गन इस ट्रांजेक्शन में सलाहकार के रूप में हैं.

रिकॉर्ड लेवल पर आरबीएल के शेयर

आरबीएल बैंक के शेयरों में पिछले महीने 6.58 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. इस डील की वजह से बैंक के शेयरों में मौजूदा साल में करीब 86 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है. जिसकी वजह से आरबीएल बैंक लिस्टेड बैंक शेयरों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला शेयर बन गया है. मंगलवार को बीएसई पर बैंक का शेयर 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 293.35 रुपए पर कारोबार कर रहा है. खास बात तो ये है कि कारोबारी सत्र के दौरान बैंक का शेयर 299.65 रुपए के साथ 52 हफ्तों के हाई पर पहुंच गया. जानकारी के अनुसार इस डील का स्ट्रक्चर हाल ही में हुए आईएचसी-सम्मान कैपिटल डील के जैसा ही होगा, जिसमें तरजीही आवंटन और वारंट के बाद ओपन ऑफर शामिल होगा. “बातचीत तब शुरू हुई थी जब शेयर 220 रुपये के लेवल पर था, इसलिए मौजूदा कीमतों से अधिक प्रीमियम मिलने की संभावना नहीं है.

देश में हुई हैं कई बैंकिंग डील

आरबीएल और यूएई के बैंक के बीच होने वाली डील भारत की तीन सबसे बड़ी बैंकिंग डील में से एक होगी. इस साल की शुरुआत में, जापान की SMBC ने यस बैंक में 20 फीसदी की महत्वपूर्ण अल्पमत हिस्सेदारी खरीदी, जो बहुलांश स्वामित्व हासिल करने की दिशा में पहला कदम था. SMBC ने 2021 में नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) फुलर्टन इंडिया क्रेडिट में 74.9 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 2 अरब डॉलर का दांव लगाया था. ईटी की​ रिपोर्ट में एक अक्टूबर को बताया था कि मित्सुबिशी UFG फाइनेंशियल ग्रुप (MUFG) श्रीराम फाइनेंस में लगभग 23,200 करोड़ रुपए (2.6 अरब डॉलर) में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है.

क्या कहते हैं आरबीआई के एफडीआई नियम

वर्तमान एफडीआई नियम भारतीय प्राइवेट बैंकों में कुल विदेशी भागीदारी को 74 फीसदी तक की अनुमति देते हैं, जिसमें प्रत्येक यूनिट की हिस्सेदारी 15% तक सीमित है. एफडीआई नियम किसी भी विदेशी बैंक को किसी भारतीय लेंडर में नियंत्रक हिस्सेदारी लेने की अनुमति नहीं देते हैं. हालांकि, आरबीआई ने कुछ अपवाद भी रखे हैं, जिनमें प्रेम वत्स के फेयरफैक्स द्वारा 2018 में बीमार कैथोलिक सीरियन बैंक में 51 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण या डीबीएस द्वारा 2020 में लक्ष्मी विलास बैंक का अधिग्रहण शामिल है. हालांकि, उद्धृत सूत्रों ने कहा कि मतदान के अधिकार पर आरबीआई के रुख में कोई ढील नहीं दी जाएगी, जो वर्तमान में 26 फीसदी तक सीमित है.

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