दिल्ली

दिल्ली में आर्टिफिशियल रेन पर सियासी घमासान, AAP और BJP के बीच छिड़ा जुबानी संग्राम

दिल्ली में सर्दियों के वक्त प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, खासकर दीपावली के आसपास. हालांकि, दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि ग्रीन पटाखों और पुराने वाहनों को चलाने की अनुमति देने के बावजूद दिल्ली में लोगों को स्वच्छ हवा मिलेगी. AQI का स्तर पहले से बेहतर होगा. दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए आर्टिफिशियल रेन कराई जाएगी लेकिन अब इस कृत्रिम बारिश को लेकर ही हिरासत शुरू हो गई है. भले ही दिल्ली से अभी कृत्रिम वर्षा दूर है लेकिन सियासत की मूसलाधार बारिश भरपूर है. सरकार इसे सफल तो विपक्ष असफल और जनता के पैसों से सर्कस बता रहा है.

दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने TV9 भारतवर्ष से बात करते हुए दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की सफलता को लेकर कहा, यह कहना गलत है कि इसमें सफलता नहीं मिली. यह ट्रायल था और स्टडी यही होती है. यह जानकारी ली जाती है तो दिल्ली में अभी क्लाउड सीडिंग नहीं की जा रही. बल्कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के लिए छोटे से हिस्से में ट्रायल किया जा रहा है. उस ट्रायल करने का उद्देश्य यही है कि हमें पता चल पाए कि कितनी नमी पर दिल्ली में हम बरसात कर पाएंगे तो पहले ट्रायल 10 से 15% नमी में किया गया. इससे आगे इससे ज्यादा नमी में होगा और एक हिस्टॉरिकल डाटा कलेक्ट किया जाएगा. फिर दिल्ली में जब जरूरत पड़ने पर प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए कैसा मौसम अनुकूल है, कितनी बादलों में नमी होनी जरूरी है, यह सारी स्टडी करने के लिए आने वाले दिनों में और भी ट्रायल किए जाएंगे.

आर्टिफिशियल रेन के लिए अगला ट्रायल कब?

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनिंदर सिंह सिरसा ने बताया, अभी आज जो नमी है वह 10 से 15 परसेंट है. कल भी इतनी ही थी. ऐसा माना जा रहा है कि शाम को 4:00 बजे के बाद ही नमी बढ़ेगी और ट्रायल नमी बढ़ने के ऊपर है. अगला ट्रायल 20 से 25 से 30 परसेंट नमी पर किया जाएगा. वहीं, आम आदमी पार्टी का आरोप है कि जनता के करोड़ों रुपए से सर्कस किया गया, जबकि संसद की एक रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली में आर्टिफिशियल रेन संभव नहीं है.

सौरभ भारद्वाज के आरोपों को लेकर मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, वह 10 साल तक कोशिश करते रहे, जब नाकाम रहे तो बहाने ढूंढ रहे हैं. जनता का पैसा बर्बाद करने के सवाल पर सिरसा ने कहा कि वह तब होता था जब 20 करोड़ रुपये में ऑड-ईवन होता था. 20 करोड़ रुपये इस बात पर खर्च किए गए जनता को यह बताने में कि तुम ईवन नंबर गाड़ी लेकर आओगे, तुम ऑड नंबर लेकर आओगे इसके लिए 20 करोड़ रुपये खर्च होता था. यह 200 करोड़ रुपये में एक एयर प्यूरीफायर (स्मॉग टावर) लगा दिया था, जो कि आज कबाड़ के तौर पर काम आ रहा है. म्यूजियम बनाने के काम आ रहा है. पैसे की बर्बादी तो शीशमहल बनाना था.

आर्टिफिशियल रेन के लिए कितने ट्रायल होंगे?

मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया, किसी को पैसा नहीं दिया जा रहा है. स्टडी करने के लिए सरकार इंस्टीट्यूशन (IIT) को फंडिंग कर रही है. एक ट्रायल में 20 से 25 लाख रुपये का खर्च आता है. अभी 9/10/11 जितने भी ट्रायल हो सकेंगे, ये करना IIT कानपुर पर निर्भर करता है. सौरभ भारद्वाज द्वारा मजिंदर सिंह सिरसा की पढ़ाई के आरोपों पर सिरसा ने कहा, उनको कहने दो, मैंने पहले कहा था, वह मुझे सिर्फ गालियां दे सकते हैं क्योंकि उनके पास और कुछ बचा नहीं है.

1 नवंबर से BS-4 से नीचे की गाड़ियां प्रतिबंधित करने के फैसले पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी. सिरसा ने कहा कि स्टेज-4 अभी 1 साल के लिए अलाऊ है. 2026 नवंबर तक वह चलेंगे. अभी तक स्थिति यह है कि BS-4 से कम सारे व्हीकल बैन हैं. BS-4 जो दिल्ली में रजिस्टर नहीं हैं, वह 1 साल के लिए नवंबर 2026 तक अलाऊ हैं. यह केवल कमर्शियल व्हीकल पर लागू है.

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