नशे से बढ़ती मौतों पर सख्त हुई पुलिस, अब उठाएगी बड़ा कदम – जानें पूरा मामला

फतेहाबाद: सिरसा और फतेहाबाद जिले में नशे की ओवरडोज से लगातार हो रही मौतों ने प्रदेश पुलिस को झकझोर दिया है। दो से तीन महीनों में इन दोनों जिलों में दस से अधिक युवकों ने नशे के कारण अपनी जान गंवाई है। इस स्थिति ने प्रदेश पुलिस को पारंपरिक कार्रवाई से आगे बढ़कर नई रणनीति अपनाने पर मजबूर कर दिया है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने अब फतेहाबाद-सिरसा सहित पूरे हरियाणा में मेडिकल नशे पर फोकस बढ़ाने का निर्देश दिया है। डीजीपी ने कहा है कि अब पुलिस नशे की ओवरडोज से मरने वाले युवकों के मोबाइल की जांच करेगी। उनकी कॉल डिटेल्स और लोकेशन के आधार पर उस दुकान या केमिस्ट की पहचान की जाएगी जहां से मृतक ने नशे का इंजेक्शन या दवा खरीदी थी।
इसके बाद संबंधित मेडिकल स्टोर के रिकॉर्ड और संचालक की जांच की जाएगी। यदि जांच में पाया गया कि वह केमिस्ट नियमित रूप से नशीले इंजेक्शन या दवाएं बेच रहा था, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के आंकड़ों को अनुसार एक जनवरी से 30 अक्तूबर तक 2 लाख 21 हजार तीन सौ 61 नशे की गोलियां बरामद की गई हैं। कैथल में 63 हजार और करनाल में 49 हजार नशे की गोलियां पुलिस ने पकड़ी हैं। नशे के कैप्सूलों की सबसे अधिक रिकवरी फरीदाबाद में 24 हजार, करनाल में 18 हजार और नूंह में साढ़े 17 हजार हुई है। नशे के इंजेक्शनों की सबसे अधिक बरामदगी जींद में हुई है। यहां 1787 इंजेक्शन बरामद हुए हैं। सोनीपत में 1958 और पलवल में 1487 इंजेक्शन बरामद हुए हैं।
दो माह में सिरसा-फतेहाबाद में 10 युवा गंवा चुके हैं जान
प्रदेश के वो जिले नशे से सबसे अधिक प्रभावित हैं जो पंजाब सीमा से लगते हैं। इनमें फतेहाबाद-सिरसा प्रमुख हैं। इन्हीं दो जिलों में दो माह में दस से अधिक नौजवानों ने नशे के चलते जान गंवाई है। ऐसे में प्रदेश पुलिस मुखिया को फतेहाबाद-सिरसा सहित पंजाब के साथ लगते जिलों के लिए विशेष प्लानिंग बनाने पर मजबूर कर दिया है। फतेहाबाद में अबतक पांच मेडिकल स्टोर बंद करवाए गए हैं जो नशे को बढ़ावा दे रहे थे।
डीजीपी ने कहा-नशे के खिलाफ हरियाणा पुलिस लगातार अभियान चलाए हुए है। नशे की ओवरडोज से अगर कोई युवक जान गंवाता है तो उसके काल रिकॉर्ड आदि की जांच करेंगे। अगर कोई केमिस्ट इसमें संलिप्त मिला तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।




