मध्यप्रदेश

पुलिस ने अंडरकवर रणनीति अपनाई: कंबल बेचकर फेरीवाले बने और लुटेरों को पकड़ा

फिल्मों में आपने कई बार देखा होगा कि अपराधियों को पकड़ने के लिए किस तरह पुलिस अधिकारी रूप बदलते हैं और मौका मिलते ही अपराधी को धर दबोचते हैं. ऐसे कई पुलिस किरदार आज भी लोगों के मन में रचे-बसे हैं. कुछ इसी तरह की तरकीब मध्य प्रदेश की खंडवा पुलिस ने भी अपनाई. पुलिस को लूट की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों के बारे में जानकारी मिली थी. उन्हें पकड़ने के लिए पुलिसकर्मियों ने फेरीवाले का रूप धारण किया.

पुलिसकर्मी फेरीवाला बनकर अपराधियों के इलाके में कंबल और फल बेचते नजर आए. उन्होंने फेरीवालों की तरह आवाज लगाई और जैसे ही आरोपी दिखाई दिए, तय योजना के मुताबिक उन्हें धर दबोचा. इन आरोपियों पर खंडवा में दिनदहाड़े कट्टा अड़ाकर लूट करने का आरोप था. घटना के बाद से पुलिस लगातार उनकी तलाश कर रही थी.

दरअसल, मध्य प्रदेश के खंडवा में फर्जी पुलिसकर्मी बनकर दिनदहाड़े व्यापारी से लूट का मामला सामने आया था. इसके बाद पदम नगर थाना पुलिस ने ईरानी गैंग के दो सदस्यों को नर्मदापुरम जिले से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों कासिम और अयान से वारदात में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल जब्त की है और लूटी गई सोने की चेन व अंगूठियों को लेकर पूछताछ कर रही है.

आरोपियों ने पिछले महीने की 12 तारीख को शहर के व्यस्ततम पड़ावा रोड पर कपड़ा व्यापारी हशमत गुरबानी को फर्जी पुलिसकर्मी बनकर रोका. उन्होंने व्यापारी से कहा कि आगे लूट की वारदात हुई है, इसलिए आप अपने सोने के जेवर उतारकर रख लीजिए. जैसे ही व्यापारी ने जेवर उतारे, आरोपियों ने कट्टा अड़ाया और धक्का-मुक्की कर सोने की चेन और अंगूठी लेकर मौके से फरार हो गए.

इस घटना के बाद पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई. मामला भाजपा नेता और व्यापारी से जुड़ा होने के कारण पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे. आरोपियों की गिरफ्तारी और पूछताछ को लेकर एसपी मनोज कुमार राय ने बताया कि पिछले महीने व्यापारी से हुई लूट की घटना को सुलझाने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई थी. टीम को नर्मदापुरम जिले में ईरानी गैंग से जुड़े आरोपियों की सूचना मिली थी.

इसके बाद पुलिस टीम ने भेस बदलकर आरोपियों के ठिकाने पर दबिश दी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर इस वारदात को अंजाम दिया था. दोनों आरोपी हिस्ट्रीशीटर हैं, जिनके खिलाफ लूट, मारपीट और ठगी के करीब नौ मुकदमे दर्ज हैं. फिलहाल आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा रहा है और पुलिस रिमांड लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी.

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