हरियाणा

कवियों के पास ज्ञान का भंडार होता है: शिवरतन गुप्ता

वैश्य महाविद्यालय में कवि सम्मेलन आयोजित

भिवानी,(ब्यूरो): हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में वैश्य महाविद्यालय भिवानी के हिंदी विभाग एवं साहित्य सुरभि प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन वैश्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय गोयल, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ अनिल तंवर एवं आयोजक सचिव डॉ कामना कौशिक की देखरेख में महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के प्रधान एडवोकेट शिवरतन गुप्ता,वैश्य महाविद्यालय प्रबंधक समिति के कोषाध्यक्ष बृजलाल सर्राफ,ट्रस्टी विजयकिशन अग्रवाल,प्राचार्य डॉ संजय गोयल एवं कार्यक्रम संयोजक हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ अनिल तंवर ने शिरकत की।कवि सम्मेलन में सुप्रसिद्ध कवियों विजेंद्र गाफिल,प्रो. रश्मि बजाज,प्रो. श्याम वशिष्ठ, विकास यशकीर्ति एवं डॉ. हरिकेश पंघाल ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समा बांध दिया।कवि सम्मेलन का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित करते हुए अतिथियों द्वारा किया गया।
अपने स्वागतीय उद्बोधन में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ संजय गोयल ने कहा कि इस तरह के आयोजन से विद्यार्थियों को अपने जीवन के विभिन्न शिक्षाप्रद बारीकियों से रूबरू होने का अवसर कवियों के माध्यम से मिलता हैं क्योंकि एक साहित्यकार ही शौर्य को जीवंत रख सकता है। वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के प्रधान एडवोकेट शिवरतन गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आधुनिकता के युग में कला को जीवित रखना बड़ा कार्य है।वह कार्य कविगण बखूबी निभा रहें हैं हमें उनके शब्दों से ज्ञानार्जित करना चाहिए क्योंकि उनके पास जान का भंडार होता है। कार्यक्रम में पधारे सभी कवियों को वैश्य महाविद्यालय प्रबंधक समिति के कोषाध्यक्ष बृजलाल सर्राफ ने अपने निजी कोष से 5100-5100 रूपये का पुरस्कार प्रदान किया। कार्यक्रम संयोजक हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ अनिल तंवर ने कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि साहित्यकार कभी अपना मूल्य कम न आंके। रचना के साथ-साथ कलाकार व साहित्यकार भी हमेशा अपनी कला को जीवित रखता है। एक कलाकार एवं साहित्य रचने का दायित्व लेने वाले आदर के पात्र होते हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य एवं काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहें।

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