हरियाणा

मंडी में फसल बेचने आए किसानों का छलका दर्द, बयां की परेशानियां

अनाजमंडी में अपनी फसल बेचने आ रहे किसानों की परेशानियां कम नहीं हो पा रही हैं। कभी टोकन के लिए तो कभी गेट पास के लिए लाइनों में लगना पड़ता है। रात भर मंडी गेट पर फसल खरीद का इंतजार कर रहे किसानों ने अपनी परेशानियां बयां करते हुए अधिकारियों पर कई...

अनाजमंडी में अपनी फसल बेचने आ रहे किसानों की परेशानियां कम नहीं हो पा रही हैं। कभी टोकन के लिए तो कभी गेट पास के लिए लाइनों में लगना पड़ता है। रात भर मंडी गेट पर फसल खरीद का इंतजार कर रहे किसानों ने अपनी परेशानियां बयां करते हुए अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप भी लगाए। वहीं मंडी में उठान व्यवस्था सही ढंग से नहीं होने के चलते भी आढ़तियों के साथ किसानों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने अधिकारियों पर एसी कैमरों में बैठकर खराबमाटी करने का भी आरोप लगाया।

किसानों को फसल बेचने के लिए करनी पड़ रही काफी दौड़-धूप

बता दें कि मंडियों में सरसों व गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने के साथ ही किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए काफी दौड़-धूप करनी पड़ रही हैं। कभी मंडी बंद कर खरीद रोक ली जाती है तो कभी रात भर किसानों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। मंडी में अनाज की खुले आसमान में ढेरियां लगने के कारण भी आढतियों व किसानों को फसल डालने में परेशानी हो रही हैं। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने उठान प्रक्रिया को बेहतर बनाने को लेकर मंडी अधिकारियों को निर्देश जारी किए थे। इसके बावजूद अनाज का उठान नहीं हो रहा है। मंडी में पहुंचे किसानों ने अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप भी लगाए।

मंडी में अपनी फसल लेकर पहुंचे किसान ढिल्लू समसपुर, धर्मबीर व सुखबीर आदि ने कहा कि टोकन भी नहीं दे रहें और वैसे भी फसल नहीं बेचने दे रहें हैं। प्रशासन एसी मै सोवै है और किसान अलसुबह आता है, भूखा-मरता लू में बैठा रहता है। किसानों ने कहा कि शाम को ही लाइनों में लग जाते हैं, लेकिन मंडी अधिकारी गेट नहीं खोलते। आढ़ती एसोसिएशन पदाधिकारी विनोद गर्ग ने कहा कि बारिश होने पर अधिकारियों की खामियों से सरकार को करोड़ों की चपत लगेगी। उठान प्रक्रिया को तेज नहीं किया तो मजबूरन मंडी को बंद करेंगे।

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