बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़, हरियाणा में मिड-डे मील के आटे में निकले कीड़े, गुणवत्ता पर शिक्षकों ने जताई आपत्ति

शिक्षा विभाग की ओर से संचालित मिड-डे मील योजना के तहत शाहाबाद खंड के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में लंबे अंतराल के बाद आटे की आपूर्ति की गई। हालांकि, इस बार वितरित किए गए आटे की गुणवत्ता को लेकर कई स्कूलों के इंचार्ज और शिक्षकों ने कड़ी आपत्ति जताई है।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ खंड शाहाबाद के प्रधान सुरेश कुमार पलवल ने बताया कि मंगलवार को इस्माइलपुर और पट्टी शहजादपुर सहित कई विद्यालयों के शिक्षकों ने उन्हें जानकारी दी कि वितरित आटे में कीड़े और जाले साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आटा न केवल खराब गुणवत्ता का है, बल्कि बच्चों के भोजन के लिए पूरी तरह से अनुपयुक्त भी है। उन्होंने आगे बताया कि यह राशन मई माह के लिए निर्धारित था, लेकिन इसकी आपूर्ति न केवल अत्यधिक विलंब से की गई, बल्कि गुणवत्ता भी चिंताजनक रही।
सुरेश कुमार पलवल ने शिक्षा विभाग से मांग की कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि राशन की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाए और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, विशेष रूप से गेहूं और आटे जैसी मूलभूत वस्तुओं की।उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आगे भी इसी तरह की लापरवाही जारी रही, तो शिक्षक संघ इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाने के लिए बाध्य होगा।
खंड शिक्षा अधिकारी विजेंद्र सिंह ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मामला अब उनके संज्ञान में आ गया है। उन्होंने तुरंत मिड-डे मील सप्लाई टीम को निर्देश दिए हैं कि आटे की सप्लाई को तत्काल प्रभाव से रोका जाए और हैफेड को भी आवश्यक आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि बुधवार सुबह सभी स्कूलों में दोबारा उच्च गुणवत्ता वाला आटा सप्लाई किया जाएगा। साथ ही, भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए जिला अधिकारियों और हैफेड के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा।