हरियाणा

खिलाड़ियों को मिला अधिकार का सम्मान, ‘स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट’ विवाद पर लगा विराम – जानें कैसे

हरियाणा के खेल जगत में पिछले कई दिनों से मचा ‘स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट’ विवाद आखिरकार सुलझ गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के हस्तक्षेप के बाद अब राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि 27वें हरियाणा स्टेट गेम्स 2025 में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को यह प्रमाणपत्र मिलेगा।

इस फैसले से हजारों खिलाड़ियों को बड़ी राहत मिली है, जो लंबे समय से यह मांग उठा रहे थे कि राज्य स्तरीय खेलों में हिस्सा लेने का उन्हें वैधानिक और रोजगार में मान्य प्रमाणपत्र मिलना चाहिए। इस महत्वपूर्ण निर्णय के साथ ही हरियाणा 13 साल बाद अपने सबसे बड़े खेल महाकुंभ – ‘27वें हरियाणा स्टेट गेम्स’ के आयोजन के लिए तैयार है।

रविवार यानी 2 नवंबर से 8 नवंबर तक चलने वाले इन खेलों का शुभारंभ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा के हाथों गुरुग्राम से होगा। खेल मंत्री गौरव गौतम बिहार चुनाव में व्यस्तता के कारण उदघाटन समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे, लेकिन उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर खिलाड़ियों, अधिकारियों और आयोजकों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा,  ‘हरियाणा की धरती से उठेगा जोश का ज्वार। यह आयोजन केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि खेल संस्कृति का पुनर्जागरण है। हर खिलाड़ी अपनी मेहनत से हरियाणा का गौरव बढ़ाए, यही मेरी अपेक्षा है।’

कुछ दिन पहले खेल विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क ने हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन (एचओए) को पत्र लिखकर कहा था कि स्टेट गेम्स में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह आयोजन तकनीकी रूप से विभागीय नीति के दायरे में शामिल नहीं है। यह निर्णय खिलाड़ियों और खेल संघों के बीच गहरी नाराजगी का कारण बना। सोशल मीडिया से लेकर खेल अकादमियों तक विरोध की लहर उठी।

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