पानी के लिए दर-दर भटक रहे लोग, यमुनानगर के अंतिम गांव में बने रेगिस्तान जैसे हालात

यमुनानगर : शिवालिक की पहाड़ियों में बसा यमुनानगर का अंतिम गांव फैजपुर सबसे बड़ी बुनियादी समस्या पीने की पानी से तरस रहा है। गांव के हालात रेगिस्तान जैसे हो चुके हैं। गर्मी के मौसम में पानी के लिए महिलाएं और बच्चे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। सुबह से ही सिर पर बाल्टी और मटका लेकर महिलाएं और बच्चे पानी की तलाश में निकल जाते हैं। कई घंटे बाद वह या तो यमुना से पानी लेकर आते हैं या फिर गांव से बाहर नेशनल हाईवे क्रॉस कर नलकूप से पानी भरकर ले आते हैं। पानी की कमी की वजह से बच्चे नहा नहीं पा रहे हैं। पशु को पीने का पानी तक मुहैया नहीं हो पा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या एक-दो दिन से नहीं बल्कि 3-4 महीने से चलती आ रही है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते। अब हालात ऐसे हो चुके हैं कि नलकूप से भी पानी की बूंद तक नहीं निकल रही है। कई बार पब्लिक हेल्थ को इस बारे में अवगत करा चुके हैं, लेकिन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हुआ है। अब ग्रामीणों को दस्त आने लगा है कि बार-बार पानी कहां से लाएं और अगर बच्चों को पानी ले के लिए भेजते हैं तो नेशनल हाईवे पर सड़क हादसा होने का भी डर रहता है।
ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि अगर सारे दिन हम पानी ही ले जाने में लग रहे तो बाकी घर के काम कौन करेगा। फिलहाल इन ग्रामीणों को पानी की सख्त जरूरत है ताकि उनकी आवश्यकता है पूरी हो सके।