ज्यादा फैट का सेवन करने लगे हैं बिहार के लोग, शहरी क्षेत्रों में संख्या ज्यादा

बिहार की वर्तमान जनसंख्या लगभग 130.72 मिलियन के बराबर होने का अनुमान है. बिहार देश की बड़ी आबादी वाले राज्यों में से एक है. लेकिन, हाल ही में सामने आया है कि बिहार के लोगों की थाली में खाना तो है, मगर पोषण कम है. बिहार के लोग ज्यादा फैट का सेवन करने लगे हैं.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MINISTRY OF STATISTICS AND PROGRAMME IMPLEMENTATION) के मुताबिक, 2022 (अगस्त)- 2023 (जुलाई) और 2023 (अगस्त)- 2024 (जुलाई) के दौरान घरेलू उपभोग व्यय (Household Consumption Expenditure) (एचसीईएस) पर ने लगातार दो सर्वे किए.
थाली में बढ़ा फैट
इन दोनों सर्वे में सामने आया कि बिहार के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की थाली में क्या-क्या है. वो कितना प्रोटीन ले रहे हैं, कितना फैट खा रहे हैं और कितनी कैलोरी ले रहे हैं. सर्वे में सामने आया कि एक व्यक्ति औसतन एक दिन में कितना थाली में क्या खा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो साल 2022-23 में एक बिहार के व्यक्ति की थाली में 2432 कैलोरी है. प्रोटीन (ग्राम) 68.7 है. वहीं, फैट 61.8 ग्राम है. ग्रामीणों के लिए साल 2023-24 में फैट की खपत बढ़ गई, यह बढ़कर 70.5 ग्राम हो गई है.
शहरी लोगों की बात करें तो शहरी लोगों के लिए साल 2022-23 में फैट की खपत 60.7 ग्राम थी. वहीं, 2023-24 में यह 72.2 ग्राम थी. वहीं, शहरी लोगों में समय के साथ प्रोटीन की खपत भी बढ़ी है. जो पहले 66.2 ग्राम थी और फिर 2023-2024 में बढ़कर 70.5 हो गई.
20-30 ग्राम की बढ़त
इससे पहले सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के 2 जुलाई के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार ने अपने आहार में अधिक फैट को शामिल किया है. 2011-12 और 2023-24 के बीच, बिहार में रोजाना फैट की डाइट में 20-30 ग्राम की बढ़ोतरी दर्ज की गई है , जो राष्ट्रीय औसत 12-14 ग्राम की वृद्धि से काफी अधिक है.
फैट के सेवन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 7 मार्च, 2025 को बात की. पीएम ने वजन कम करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2050 तक भारत में लगभग 44 लोग करोड़ मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं. उन्होंने इस आंकड़े को “बहुत बड़ा और डरावना” बताया.
पीएम मोदी ने मोटापे को कई बीमारियों की जड़ बताया और लोगों से नियमित व्यायाम और खाने के तेल का सेवन 10% कम करने के लिए कहा.
ज्यादा फैट खाने से होने वाली बीमारियां:
- मोटापा- ज्यादा फैट खाने से शरीर में अतिरिक्त कैलोरी जमा होती है, जिससे वजन बढ़ता है. मोटापा अपने आप में कई बीमारियों की जड़ है.
- हृदय रोग- सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट (जैसे घी, तले हुए खाने) से: कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, ब्लड वेसल्स बंद होने लगती हैं. इससे दिल का दौरा या हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है.
- टाइप-2 डायबिटीज- मोटापा और फैट जमा होने से शरीर की इंसुलिन पर प्रतिक्रिया कम होती है, जिससे डायबिटीज हो सकती है.
- फैटी लिवर – ज्यादा फैट खाने से लिवर में चर्बी जमा हो जाती है, जिससे लिवर खराब हो सकता है.
- कोलेस्ट्रॉल असंतुलन- ज्यादा अनहेल्दी फैट खाने से- खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम होता है.
- कैंसर का जोखिम- कुछ रिसर्च में दिखाया गया है कि ज्यादा फैट, खासकर प्रोसेस्ड और रेड मीट से मिलने वाला फैट, कुछ प्रकार के कैंसर (जैसे कोलन कैंसर) का खतरा बढ़ा सकता है.