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गुरुग्राम की हवा हुई जहरीली, GRAP का पहला चरण लागू—जानें क्या होंगे बदलाव

गुरुग्राम: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के पहले चरण को लागू कर दिया है. राजधानी दिल्ली की तरह गुरुग्राम की हवा भी लगातार खराब हो रही है. अक्टूबर की शुरुआत से ही यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) “मॉडरेट” से “पुअर” कैटेगरी की ओर बढ़ गया है. गुरुग्राम में पिछले कुछ दिनों से AQI 190 से 230 के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है, जो आम जनता के लिए चिंता का विषय बन चुका है.

प्रदूषण बढ़ाने वाले मुख्य कारण: बदलते मौसम, खेतों में पराली जलाने की शुरुआत, निर्माण गतिविधियों में तेजी और सड़कों पर बढ़ते वाहनों की संख्या ने प्रदूषण स्तर को और गंभीर कर दिया है. खासतौर पर सुबह और शाम के समय धुंध की परत के साथ सांस लेना मुश्किल हो रहा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यह रफ्तार जारी रही, तो आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता और गिर सकती है, जिससे आम लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ेगा.

क्या है GRAP का पहला चरण: GRAP का पहला चरण तब लागू होता है जब AQI 201 से 300 के बीच पहुंच जाता है. इस चरण में स्थानीय प्रशासन को कई जरूरी कदम उठाने होते हैं जैसे- निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपाय, सड़कों पर पानी का छिड़काव, खुले में कचरा जलाने पर सख्ती और वाहनों की जांच. इन कदमों का उद्देश्य हवा को और ज्यादा खराब होने से रोकना होता है और प्रदूषण फैलाने वाले मुख्य स्रोतों पर लगाम लगाना होता है.

नगर निगम की तैयारी और आदेश: गुरुग्राम नगर निगम ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए एंटी-स्मॉग गन चलाने और रोड डस्ट कंट्रोल अभियान को तेज करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सभी निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण नेट लगे हों और वहां पर्याप्त ग्रीन कवर मौजूद हो. इस बार निगम ने अपनी तैयारी का दावा किया है, ताकि स्थिति हाथ से न निकले और नागरिकों को राहत दी जा सके.

आगे उठाए जाएंगे ये सख्त कदम: अगर आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता और बिगड़ती है, तो GRAP के दूसरे और तीसरे चरण भी लागू हो सकते हैं. इन चरणों में निर्माण कार्यों पर पाबंदी, डीजल जेनरेटर पर रोक, और स्कूलों में छुट्टी जैसे कड़े कदम शामिल हैं. फिलहाल प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि निजी वाहनों का उपयोग कम करें, सार्वजनिक परिवहन अपनाएं और कचरा या पत्तियां न जलाएं, ताकि शहर की हवा को कुछ राहत दी जा सके.

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