हर कैदी तक पहुंचेगी कानूनी सहायता: पवन

भिवानी (ब्यूरो): जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी.आर. चालिया के निर्देशानुसार प्राधिकरण के सीजेएम-कम-सचिव पवन कुमार ने बुधवार को जिला जेल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बैरिकों, कानूनी सहायता क्लीनिक, जेल अस्पताल एवं रसोई घर का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान सीजेएम ने बंदियों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सीजेएम पवन कुमार ने कहा कि ऐसे सभी विचाराधीन बंदी जिनके मुकदमे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, उन्हें उनके केस की स्थिति से अवगत कराया जाएगा। इसके लिए लीगल एड डिफेंस काउंसिल के अधिवक्ताओं को विशेष निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जेलों में निरुद्ध प्रत्येक विचाराधीन कैदी तक कानूनी सहायता पहुंचाना प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से अधिवक्ताओं की विशेष टीम गठित की गई है, जो नियमित रूप से जेलों का दौरा कर मामलों की स्टडी कर रही है।
सीजेएम पवन कुमार ने कहा न्याय सबके लिए – यह केवल एक आदर्श वाक्य नहीं रहा, बल्कि अब हमारी कार्य नीति है। हमारा उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद 39-ए के तहत प्रत्येक व्यक्ति को नि:शुल्क विधिक सहायता का अधिकार दिलाना है। यह अभियान न्याय तक समान पहुंच सुनिश्चित करता है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी द्वारा देशभर की जेलों में च्लीगल सर्विस टू प्रिजनर्सज् मिशन मोड के तहत विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य जेलों में बंद उन कैदियों को त्वरित और नि:शुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराना है, जो आर्थिक या सामाजिक कारणों से अपनी पैरवी नहीं कर पाते।सीजेएम ने जेल विजिट के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे न केवल कैदियों की समस्याओं को निकटता से समझा जा सकता है, बल्कि उन्हें न्याय तक पहुंचाने की प्रक्रिया को भी प्रभावी बनाया जा सकता है।