हरियाणा

पंचकूला की खास रामलीला: महिलाओं ने निभाए सभी किरदार, दर्शकों की रही अच्छी भीड़

पंचकूला: हरियाणा के पंचकूला जिले में इस साल दशहरा उत्सव एक ऐतिहासिक मोड़ ले चुका है. दरअसल, पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में 23 सितंबर से 2 अक्टूबर तक एक ऐसी रामलीला का मंचन हो रहा है, जो पूरी तरह से महिलाओं द्वारा अभिनीत है. इस आयोजन को “जड़ों से जुड़ो” संस्था और रीशान फाउंडेशन ने मिलकर आयोजित किया है.

केवल महिलाएं निभा रही सभी भूमिकाएं: सबसे खास बात तो यह है कि इस रामलीला में भगवान राम से लेकर रावण तक सभी पात्रों की भूमिकाएं महिलाएं निभा रही हैं. रामलीला में 6 महीने की बच्ची से लेकर 82 वर्षीया बुजुर्ग महिला तक ने हिस्सा लिया है. कुल 91 महिला कलाकारों ने इस रामलीला में हिस्सा लिया है. ये महिलाएं निजी जीवन में छात्रा, शिक्षिका, डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, आईटी प्रोफेशनल, गृहिणी, डांसर हैं. ये सभी महिलाएं स्टूडेंट से लेकर गृहणी या फिर प्रोफेशनल्स हैं, जो रामलीला में अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीत रही हैं.

हरियाणवी फिल्म अभिनेत्री भी शामिल: पंचकूला में आयोजित इस खास रामलीला में हरियाणवी फिल्म ‘चंद्रावल’ की प्रसिद्ध अभिनेत्री ऊषा शर्मा को भी विशेष भूमिका के लिए आमंत्रित किया गया है.आयोजन में ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी, स्वामी ज्ञानानंद महाराज, महंत संपूर्णानंद ब्रह्मचारी और स्वामी धर्मबंधु जैसे प्रतिष्ठित संत भी शामिल हो रहे हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की पत्नी सुमन सैनी और राज्यपाल असीम कुमार घोष की पत्नी मित्रा घोष इस रामलीला को देख चुकी हैं. वहीं, डिप्टी स्पीकर, कैबिनेट मंत्री और केंद्रीय मंत्रियों समेत कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी इस खास रामलीला को देखने आ सकते हैं.

एसी हॉल में हाईटेक डिजिटल रामलीला का मंचन: पंचकूला सेक्टर-5 स्थित इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में आयोजित इस महिला-रामलीला का मंचन पूरी तरह डिजिटल और हाईटेक तकनीक से सुसज्जित है. एसी हॉल में हो रहे इस आयोजन में एलईडी स्क्रीन, लाइट और साउंड इफेक्ट्स के माध्यम से रामायण के भव्य दृश्य प्रस्तुत किए जा रहे हैं. सभी महिला कलाकार डबिंग और सीधे संवादों के जरिए अपनी भूमिकाएं निभा रही हैं. वहीं पुरुष पात्रों के प्रभाव को वास्तविक दिखाने के लिए संवादों पर लिपसिंग की जा रही है. इस अनोखे प्रयोग और भव्य प्रस्तुति के कारण दर्शकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.

रामलीला का हो रहा ऑनलाइन प्रसारण: इस विशेष रामलीला का सीधा प्रसारण 10 टीवी चैनलों, केबल नेटवर्क और यूट्यूब के माध्यम से किया जा रहा है. ताकि देश-विदेश में बसे भारतीय भी इसे देख सकें. आयोजन से जुड़े आयोजकों की मानें तो अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों में कम्युनिटी वॉचिंग कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं, जहां प्रवासी भारतीय सामूहिक रूप से इस महिला सशक्तिकरण से प्रेरित रामलीला को देख पा रहे हैं.

महिला सशक्तिकरण है मूल उद्देश्य: इस खास रामलीला का आयोजन करने वाली संस्था “जड़ों से जुड़ो” की संस्थापक एकता नागपाल से ईटीवी भारत ने बातचीत की. एकता नागपाल ने बताया कि, “महिलाओं द्वारा अभिनीत रामलीला के मंचन का ख्याल मेरे मन में महिला सशक्तिकरण को लेकर आया, क्योंकि महिलाओं को सशक्त करने के लिए उनको संस्कार के साथ जोड़ना बहुत जरूरी है. देश की बेटी केवल अंतरिक्ष में ही नहीं, दुश्मन के खेमे में जाकर अपने देश की रक्षा में ही नहीं, परिवार और नौकरी को ही नहीं, बल्कि अपने संस्कार, संस्कृति, सनातन और अपने इतिहास और जड़ों को सहेजने में भी सक्षम है. यही मैसेज मैं इस रामलीला के माध्यम से लोगों को देना चाहती हूं.”वहीं, रीशान फाउंडेशन के संस्थापक संजीव सूद ने संस्था की स्थापना अपने दिवंगत पुत्र की स्मृति में की. संजीव सूद ने ईटीवी भारत को बताया कि, “संस्था अब तक रक्तदान शिविर, मेमोग्राफी टेस्ट, आई और बॉडी डोनेशन जैसे अनेक सामाजिक कार्य कर चुकी है. यह रामलीला महिला सशक्तिकरण को समर्पित है.”

ट्रांसजेंडर बनीम मेकअप आर्टिस्ट: इस रामलीला में महिलाओं का मेकअप ट्रांसजेंडर सिमी कर रही है. जो कि चंडीगढ़ से हैं. सिमी ने ईटीवी भारत को बताया कि वो पहले रामलीला में हिस्सा लेती थी. हालांकि इस बार वो कलाकारों का मेकअप करके अपनी सेवा दे रही है. वो पिछले 15 सालों से रामलीला में हिस्सा ले रही हैं. वो पिछले 7 सालों से कलाकारों को मेकअप कर रही है. वो सभी कलाकारों को तकरीबन 2-3 घंटे में तैयार कर देती हैं.

महिला किसान बनीं भगवान राम: आभा शुक्ला रामजी की भूमिका निभा रही हैं. आभा एक किसान हैं. पहले वो कत्थक डांसर थी. उससे पहले वो टीचर भी रह चुकी हैं. आभा ने ईटीवी भारत को बताया कि, “आज रामलीला में मेरा विवाह है, सीता स्वयंबर है आज. जब हम प्रैक्टिस कर रहे थे, तब लग रहा था कि सच में हम शादी की तैयारी कर रहे हैं. ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं भगवान राम का किरदार यहां निभा रही हूं.”

क्या कहते हैं कलाकार: वहीं, एक नन्हीं बच्ची आराध्या जो कि टीवी आर्टिस्ट हैं, वो परशुराम का अभिनय करेगी. उसने ईटीवी भारत को बताया कि, “मुझे काफी अच्छा लग रहा है. मुझे मंच पर क्या करना है ये सीखाया गया है. सारे डायलॉग्स याद कराए गए हैं. मुझे काफी मजा आ रहा है.” वहीं, मंत्री बनी मधु शर्मा जनक जी के दरबार में मंत्री का रोल अदा कर रही है. मधु शर्मा ने कहा कि, ” मैं आज सीता माता के बारात में शामिल होउंगी. मैं पहले टीचर थी. हालांकि अब जॉब छोड़ दिया है. हाउस वाइफ हूं. लेकिन मुझे ये अभिनय करके काफी अच्छा लग रहा है.” वहीं, मां पार्वती और कौशल्या माता का रोल अदा कर रही मोनिता ने कहा कि, “काफी आनंद आ रहा है, जो रोल हम बचपन में टीवी पर देखते थे, उसे हम अदा कर रहे हैं. काफी अच्छा लग रहा है.”

कलाकारों में दिखा उत्साह: इसी तरह हर एक कलाकार इस खास रामलीला में अलग-अलग प्रोफेशन से हैं. जिनमें काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. ये काफी उमंग के साथ अपने रोल को अदा कर रही है. साथ ही मंच पर इनके अभिनय को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ रही है.

पहले पंजाब में महिलाओं ने किया था रामलीला का मंचन: महिलाओं द्वारा इस रामलीला का मंचन वर्ष 2022 से पंजाब के जिला मोहाली स्थित जीरकपुर के पीरमुछल्ला से शुरू किया गया था. हालांकि किन्हीं कारणों से इस साल इस रामलीला का मंचन हरियाणा के जिला पंचकूला सेक्टर 5 स्थित इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में किया गया है.

बता दें कि पंचकूला में आयोजित यह अनूठी महिला-रामलीला सांस्कृतिक पुनर्जागरण और महिला सशक्तिकरण का एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुकी है. डिजिटल तकनीक और सामाजिक भागीदारी से सजी यह प्रस्तुति आने वाले वर्षों में एक नई परंपरा की नींव रख सकती है.

पंचकूला में आयोजित रामलीला का दिनवार कार्यक्रम

तारीख प्रमुख दृश्य
23 सितंबर नारद कथा, रावण-वेदवती संवाद, राम कथा
24 सितंबर दशरथ यज्ञ, राम जन्म, अहिल्या उद्धार
25 सितंबर सीता स्वयंवर, राम-सीता विवाह
26 सितंबर मंथरा-कैकेयी संवाद, राम का वनवास
27 सितंबर गंगा पार, दशरथ का निधन, भरत मिलाप
28 सितंबर शूर्पणखा नाक कटना, सीता हरण, जटायू वध
29 सितंबर शबरी कथा, राम-हनुमान मिलन, अशोक वाटिका
30 सितंबर लंका दहन, विभीषण निष्कासन, रामसेतु निर्माण
1 अक्टूबर अंगद दूत बनना, लक्ष्मण मूर्छा, कुंभकर्ण वध
2 अक्टूबर मेघनाद वध, अहिरावण वध, रावण वध, राम का राज्याभिषेक

Related Articles

Back to top button