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बीकानेर में ED की कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 4 ठिकानों पर छापेमारी

राजस्थान में बीकानेर में ईडी की जयपुर ज़ोनल टीम ने बुधवार को चार ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई PMLA के तहत मोहम्मद सदीक खान और उनके करीबियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई. ईडी ने जांच की शुरुआत 3 जनवरी 2022 को दर्ज एक एफआईआर के आधार पर की थी. यह एफआईआर बीकानेर के कोटगेट थाना में दर्ज हुई थी, जिसमें IPC और आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाई गई थीं.

इसके साथ ही खुफिया इनपुट मिला था कि मोहम्मद सदीक, जो बीकानेर में जमीयत अहले हदीस (JAH) के अमीर बताए जाते हैं, हवाला कारोबार, अवैध धर्मांतरण और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं. सूत्रों से ये भी जानकारी मिली कि वो एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन के संपर्क में हैं और कुछ NGOs को कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए आर्थिक मदद भी कर चुके हैं.

छापेमारी में क्या मिला?

 

जांच के दौरान यह सामने आया कि मोहम्मद सदीक अलफुरकान एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे हैं, जो मस्जिद-ए-आयशा ट्रस्ट का भी संचालन करता था. जांच में सामने आया कि सदीक और उनके ट्रस्टों के करीब 20 बैंक खातों में भारी कैश डिपॉजिट पाए गए. करोड़ों रुपये के लेन-देन हुए, जिनका कोई स्पष्ट स्रोत नहीं बताया गया. खुद की कोई ठोस आय न होने के बावजूद उन्होंने पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश, ईरान, ओमान, नेपाल और कतर जैसे देशों की कई यात्राएं कीं और लंबे समय तक वहां ठहरे. बांग्लादेश स्थित एक एनजीओ को की गई आर्थिक मदद के सबूत मिले.

डिजिटल सबूतों में उनके सोशल मीडिया अकाउंट से भड़काऊ और कट्टरपंथी कंटेंट साझा करने की गतिविधियां पाई गईं, जैसे इजराइली झंडे को जलाने के वीडियो, जिनका इस्तेमाल सहानुभूति जुटाने और अवैध फंड इकट्ठा करने में किया गया.

विदेशी फंडिंग का हुआ खुलासा

अब तक की जांच और सबूतों से यह साफ हुआ कि सदीक खान पर कई गंभीर आरोप हैं हवाला और विदेशी फंडिंग, अवैध हथियारों की तस्करी, धार्मिक संस्थानों का दुरुपयोग, जबरन धर्मांतरण और कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार. ये सारी गतिविधियां कानून-व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मानी जा रही हैं. फिलहाल, मामले में आगे की जांच जारी है.

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