हरियाणा

आईजीयू में अमर शहीद राव तुलाराम का 200वां जन्मोत्सव पर प्रेरणादायक विशेष संगोष्ठी का आयोजन।

रेवाड़ी(ब्यूरो): इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर में अमर शहीद राव तुलाराम के 200वें जन्मोत्सव का भव्य आयोजन अत्यंत उत्साह, गरिमा और देशभक्ति की भावना के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कर्णवास के मुख्य अध्यापक  लक्ष्मी नारायण रहे। उन्होंने राव तुलाराम के बलिदान, साहस, नेतृत्व क्षमता और 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कुलपति प्रोफेसर असीम मिगलानी ने अपने सन्देश में कहा—
“अमर शहीद राव तुलाराम जैसे वीर सेनानियों की वजह से ही हमारा राष्ट्र आज स्वतंत्र है। उनका जीवन हमें सदैव राष्ट्रहित और कर्तव्यनिष्ठा की प्रेरणा देता रहेगा।”राव तुलाराम पीठ के अध्यक्ष एवं छात्र कल्याण विभाग के अधिष्ठाता प्रोफेसर करण सिंह ने मुख्य अतिथि सहित सभी विशिष्ट अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया।कार्यक्रम अध्यक्ष एवं कुलसचिव प्रोफेसर दिलबाग सिंह ने राव तुलाराम के ऐतिहासिक योगदान, नेतृत्व और संघर्षों की प्रशंसा की।
अधिष्ठाता शैक्षणिक मामले प्रोफेसर सुनील कुमार की विशेष उपस्थिति ने कार्यक्रम को और अधिक गरिमामय बनाया।
कार्यक्रम के दौरान विधि विभाग की छात्रा अंकिता ने अपनी प्रभावशाली रागनी प्रस्तुति के माध्यम से राव तुलाराम के जीवन, संघर्ष और वीरता को अत्यंत भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया, जिसने पूरे सभागार का दिल जीत लिया।
कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें शामिल है:
• श्रीमती संजू देवी, सरपंच, मीरपुर
• मुकेश सुल्तानिया, अहिरवाल हेरिटेज
• अमन राव, चित्रकार
• राकेश कुमार भार्गव
•राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मुकेश यादव।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सुशांत यादव ने अंत में सभी अतिथियों,प्रतिभागियों, छात्रों, शिक्षकगण एवं आयोजन समिति का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन किया।इस अवसर पर मंच संचालन हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. जगीर नगर ने किया।इस अवसर पर प्रोफेसर विकास बतरा, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. बिरेंद्र, डॉ. भारती, डॉ. कुसुम,डॉ. अमनदीप, डॉ. जयपाल राजपूत उपस्थित रहे।कार्यक्रम के समापन पर सभी ने अमर शहीद राव तुलाराम को नमन किया और राष्ट्रहित में कार्य करने का संकल्प लिया। विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष सेमिनार और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छात्रों, शिक्षकों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विभिन्न विभागों के सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी की।

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