दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा जाने पर हरियाणा में खाली होगी राज्यसभा की एक सीट
लोकसभा के चुनावी परिणाम के बाद हरियाणा विधानसभा के साथ ही हरियाणा की राज्यसभा सीटों के गणित में भी बदलाव होगा। मौजूदा समय में हरियाणा की 5 राज्यसभा सीटों में बीजेपी के 3, एक निर्दलीय और एक कांग्रेस का
लोकसभा के चुनावी परिणाम के बाद हरियाणा विधानसभा के साथ ही हरियाणा की राज्यसभा सीटों के गणित में भी बदलाव होगा। मौजूदा समय में हरियाणा की 5 राज्यसभा सीटों में बीजेपी के 3, एक निर्दलीय और एक कांग्रेस का राज्यसभा सांसद है। चूंकि अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रोहतक से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में अब उन्हें एक तय समय सीमा में अपनी राज्यसभा की सीट से इस्तीफा देना होगा। इसके बाद हरियाणा में एक बार फिर से राज्यसभा का उपचुनाव होगा, क्योंकि दीपेंद्र हुड्डा का कार्यकाल अभी 9 अप्रैल 2026 तक शेष है।
इसके अलावा यदि हम हरियाणा की अन्य राज्यसभा सीटों की बात करें तो इनमें बीजेपी के रामचंद्र जांगड़ा 10 अप्रैल 2020 को राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे, जिनका कार्यकाल 9 अप्रैल 2026 तक का है। इसी प्रकार से बीजेपी की ओर से राज्यसभा में गए कृष्णलाल पंवार ने 23 अगस्त 2022 को शपथ ग्रहण की थी, जिनका कार्यकाल एक अगस्त 2028 तक का है और बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला जो 3 अप्रैल 2024 को राज्यसभा के सदस्य मनोनित हुए थे, का कार्यकाल 2 अप्रैल 2030 तक है।
इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा का चुनाव लड़े कार्तिकेय शर्मा ने 2 अगस्त 2022 को राज्यसभा के सदस्य के तौर पर शपथ ली थी, इनका कार्यकाल 1 अगस्त 2028 तक का है। हालांकि कार्तिकेय को बीजेपी की ओर से समर्थन दिया गया था। इसी प्रकार से कांग्रेस की ओर से दीपेंद्र हुडडा ने 10 अप्रैल 2020 को राज्यसभा के सदस्य के तौर पर शपथ ली थी, जिनका कार्यकाल 9 अप्रैल 2026 को समाप्त होगा। लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद दीपेंद्र हुड्डा की ओर से राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया जाएगा, जिसके बाद हरियाणा में राज्यसभा की एक सीट खाली हो जाएगी, चूंकि दीपेंद्र हुड्डा का अभी करीब 2 साल का राज्यसभा का कार्यकाल शेष है।
इसलिए चुनाव आयोग की ओर से हरियाणा से खाली होने वाली राज्यसभा की इस सीट पर उपचुनाव करवाया जाएगा। देखने वाली बात होगी कि दीपेंद्र की ओर से कांग्रेस के कोटे की खाली होने वाली इस सीट पर चुनावी घोषणा के बाद हरियाणा की राजनीति में क्या समीकरण बनते हैं।