हरियाणा

शराफत को कमजोरी न समझें अधिकारी, हर दफ्तर का होगा औचक निरीक्षण: चंद्रमोहन

चंडीगढ़  : पंचकूला से कांग्रेस विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने आज हरियाणा विधानसभा के माननीय अध्यक्ष हरविंदर कल्याण को एक विस्तृत प्रतिनिधित्व सौंपकर नगर निगम पंचकूला के आयुक्त और अन्य स्थानीय अधिकारियों द्वारा लगातार विधानसभा सदस्य के विशेषाधिकार हनन की घटनाओं के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की मांग की है। विधायक चंद्रमोहन ने कहा कि कुछ अधिकारी, पंचकूला की जनता द्वारा दिए गए स्पष्ट जनादेश को स्वीकार न कर पाने वाले कुछ लोगों के इशारे पर, लगातार विधायक के पद, अधिकार और मर्यादा को ठेस पहुंचा रहे हैं।ऐसे में अब जब स्थानीय पार्षदों और जनता ने इस मामले को लेकर चंद्रमोहन से कार्यवाही की मांग की है,तो चंद्रमोहन ने विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखा है।साथ ही उन्होंने कहा है कि उनकी शराफत को अधिकारी कमजोरी न समझे। वह निरंतर प्रयासरत हैं कि आमजन की समस्याओं का समाधान हो,परंतु विभिन्न विभागों में अनियमिताएं उनके संज्ञान में है।ऐसे में हर दफ्तर का औचक निरीक्षण निरंतर जारी रहेगा।

चंद्रमोहन,हरियाणा की विधानसभा के पांचवी बार के सदस्य होने के साथ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी रहे है।वर्तमान हरियाणा विधानसभा के सीनियर विधायकों में शुमार चंद्रमोहन, हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे स्व० भजनलाल के बड़े बेटे है।इसके साथ ही प्रशासनिक और शासनिक कार्यों में लंबा अनुभव रखने वाले चंद्रमोहन अपनी सादगी और जनता के बीच रहने की वजह से जाने जाते है।

संविधान दिवस के कार्यक्रम में जानबूझ कर नहीं बुलाया

दरअसल संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन नगर निगम पंचकुला द्वारा किया गया जिसमें स्थानीय विधायक को निमंत्रण नहीं दिया गया।जब स्थानीय पार्षदों ने कार्यक्रम ने इसका विरोध दर्ज करवाया तो केवल औपचारिकता के लिए एक घंटे पहले कमिश्नर पंचकुला ने फोन किया। चंद्रमोहन किसी काम से उस समय बाहर थे,और उन्हें कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं थी।संविधान दिवस (26.11.2025) के अवसर पर नगर निगम पंचकूला द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चंद्रमोहन को औपचारिक निमंत्रण तक नहीं दिया गया,उनके नाम को अतिथि सूची में शामिल नहीं किया गया,और जब नगर निगम के कुछ पार्षदों ने इसका विरोध जताया, तब कार्यक्रम शुरू होने से केवल एक घंटे पहले फोन कर महज़ एक औपचारिकता निभाई गई।चंद्रमोहन ने कहा कि यह न सिर्फ एक गंभीर विशेषाधिकार हनन है, बल्कि एक लोकतांत्रिक संस्थान के सदस्य का अपमान भी है।

पहली बार नहीं—लगातार कर रहे हैं अवमानना

चंद्रमोहन ने बताया कि यह घटना कोई पहली नहीं है। कई मौकों पर नगर निगम और अन्य विभागों के अधिकारी उन्हें योजनाओं, बैठकों, निरीक्षण, उद्घाटन और सरकारी कार्यक्रमों में जानबूझकर शामिल नहीं करते।उन्होंने इसे विधायक के संवैधानिक कर्तव्यों में बाधा डालने वाला कृत्य बताया।ऐसा करने से पंचकुला की जनता और जनादेश का अपमान करने का काम अधिकारी कर रहे है।

संविधान की रक्षा अधिकारियों का धर्म है, ‘ऊपर वाले’ को खुश करना नहीं

चंद्रमोहन ने कहा आमतौर पर भी और संविधान दिवस पर अधिकारियों का धर्म संविधान की रक्षा करना था, न कि सत्ता पार्टी के नेताओं को खुश करना।भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और हमारे नेता श्री राहुल गांधी संविधान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मैं भी पंचकूला की जनता की आवाज़ बनकर उसी संकल्प के साथ खड़ा हूं।

स्पीकर से की चार प्रमुख मांगें

चंद्रमोहन ने विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि,पंचकूला विधायक के विशेषाधिकार हनन का तुरंत संज्ञान लिया जाए,मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए,राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएँ कि अधिकारी प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करें,संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।चंद्रमोहन ने विश्वास व्यक्त किया कि माननीय अध्यक्ष विधानसभा और विधायकों की गरिमा की रक्षा के लिए आवश्यक कदम अवश्य उठाएँगे।

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