अब और भी रोमांचक होगा Kalka Shimla Toy Train का सफर, पहली बार होने जा रहा है बड़ा बदलाव

कालका से शिमला के लिए चलने वाली 117 साल पुरानी टॉय ट्रेन की शक्ल-सूरत बदलने वाली है। पहली बार इस ट्रैक पर एयर कंडीशंड (AC Coach) कोच लगाने की की तैयारी है। रेल कोच फैक्टरी कपूरथला में नए कोच बन रहे हैं। कपूरथला से कालका रेलवे स्टेशन पर 28 कोच आ चुके हैं। इन कोच को फेजेज में रिप्लेस किया जाएगा। पहले फेज में आरसीएफ को 30 कोच देने हैं।
टॉय ट्रेन में 6 कोच ही चलेंगेः अधिकारी
डिवीजन के अधिकारी एक टॉय ट्रेन में एक कोच कम लगाने पर विचार कर रहे हैं। पहले चलने वाली टॉय ट्रेन में 7 कोच लगते थे। नए कोच के साथ चलने वाली टॉय ट्रेन में 6 कोच 1 फर्स्ट एसी, 2 चेयरकार, 2 स्लीपर और 1 जनरल कोच लग सकता है।
नए कोच में खिड़कियां नहीं खुलेंगी
नए कोच दिखने में तो अच्छे हैं, लेकिन लोग जिस तरह पूरे सफर को एन्जॉय करते हुए, पहाड़ी रास्ते पर खुली हवा का आनंद लेते हुए जाते थे, वो अनुभव नहीं मिल पाएगा। नए कोच में विंडो बंद हैं और शीशे लगे हैं। पहाड़ों की ताजी ठंडी हवा अंदर नहीं आएगी। प्लेटफॉर्म से कुछ खरीदना है तो उतरना ही पड़ेगा।
सीआरएस से नए कोचेज का ट्रायल चल रहाः ऑपरेटिंग मैनेजर
उत्तर रेलवे अम्बाला डिवीजन के सीनियर डिवीजन ऑपरेटिंग मैनेजर राहुल ने कहा कि पुराने कोच के पार्ट्स न मिलने की वजह से उन्हें बनाना बंद कर दिया है। अब रेल कोच फैक्ट्री से नए कोच बनवाए हैं। सीआरएस से इन कोचेज का ट्रायल चल रहा है। वहां से क्लीयरेंस मिलने के बाद फेजेज में ट्रेन चलाएंगे। नए कोच लगने के बाद वर्तमान यात्री किराये में बढ़ोतरी हो सकती है।
ये है वजह
टॉय ट्रेन के पुराने हो चुके कोच के अब पार्ट्स भी नहीं मिल रहे हैं। अधिकतर पुराने कोच कंडम हो चुके हैं और उत्तर रेलवे कारखाना कालका ने कोच बनाने बंद कर दिए हैं। यहां सिर्फ कोच रिपेयर का काम चल रहा है। इसके अलावा इस ट्रैक पर चलने वाली मालगाड़ी के नैरोगेज डिब्बे ही बनाए जा रहे हैं। पैसेंजर कोच बनाने बंद कर दिए हैं।