सबको योग और राजयोग की आवश्यकता है : बीके रजनी

भिवानी (ब्यूरो): प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय दिव्य भवन रुद्रा कालोनी में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में सभी को योगाभ्यास कराते हुए बीके रजनी ने कहा कि योग तन,मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करने की एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। एक तरफ जहां शारीरिक योगा शरीर को दुरुस्त बनाए रखने में सहायक है, ऐसे ही राजयोग मन को दुरुस्त और शक्तिशाली बनाए रखने में सहायक है । जैसे शारीरिक योगा में अलग-अलग आसन और प्राणायाम से शरीर की आंतरिक शुद्धि होती है, वैसे ही राजयोग से जब हम आत्माएं दुनिया की सर्वोच्च सत्ता सर्वशक्तिमान निराकार परमपिता परमात्मा शिव से अपना संबंध जोडक़र अपने अंदर की कमी कमजोरीयों को, काम, क्रोध,लोभ, मोह, अंहकार, ईष्र्या, द्वेष को मिटाते हैं तो पुन: हमारी निजी आत्मिक शक्तियां जागृत होती है। जिससे हमें न केवल मानसिक शांति, शक्ति,स्थिरता और सक्रियता मिलती है बल्कि तन भी रोगमुक्त होता है। आज के वायुमंडल को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है आज हर मनुष्य को शारीरिक योग के साथ-साथ राजयोग को भी अपनी जीवन शैली में अपनाने की आवश्यकता है क्योंकि कहा भी जाता है कि मन दुरुस्त तो तन दुरुस्त। जब तन और मन दोनों दुरुस्त होंगे तभी हम खुद के जीवन में भी सुख शांति, खुशहाली महसूस करेंगे और दूसरे के जीवन में भी सुख शांति, खुशहाली लाने के निमित्त बन सकेंगे। 21 जून को ब्रह्माकुमारी संस्था लाल किले पर भी संगठित रूप से योग का कार्यक्रम कर लोगों को यह संदेश देता है कि राजयोग हर समस्या का हल है। इस अवसर का बीके रूद्रांशी, बीके कमल, बीके संतोष, बीके मंजू अग्रवाल , बीके साक्षी, बीके मोहित, बीके दीनानाथ, बीके सुभाष गोयल आदि उपस्थित रहे।