चंडीगढ़: आमतौर पर हर चुनाव में हर वर्ग के लिए सीटों को आरक्षित किया जाता है। फिर चाहे वह लोकसभा, विधानसभा, पंचायत या फिर नगर निगम या कोई अन्य चुनाव हो। इनमें महिलाओं के अलावा अन्य वर्गों के लिए भी सीट रिजर्व रखी जाती है। ऐसे में हरियाणा के विधानसभा चुनाव में 90 सीटों को लेकर जब आंकलन किया गया तो पता चला कि इनमें एसटी (शेड्यूल ट्राइब) वर्ग के लिए एक भी सीट रिजर्व नहीं है।
एससी के लिए 17 सीट रिजर्व
हरियाणा के 22 जिलों में कुल 90 विधानसभा सीट है। इन 90 सीटों में जनरल कैटेगिरी के लिए 73 और एससी कैटेगिरी के लिए 17 सीट रिजर्व है, जबकि एसटी के लिए एक भी सीट रिजर्व नहीं है। इसके अलावा अभी तक हरियाणा में कुल वोटरों की संख्या 2.01 करोड़ है। इन कुल वोटरों में 1.06 करोड़ पुरुष और 0.95 करोड़ महिला वोटर शामिल हैं। वहीं हरियाणा में युवा वोटरों (उम्र-20 से 29) की संख्या 40.95 लाख है, जबकि फ़र्स्ट टाइम वोटरों (उम्र-18 से 19) की संख्या 4.52 लाख है। इसके साथ ही पीडबल्यूएस, बुजुर्ग और थर्ड जेंडर वोटर भी शामिल हैं। इसके अलावा हरियाणा में 10 हजार 495 लोकेशन पर 20 हजार 629 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।
समय से पहले हो रहे चुनाव
हरियाणा में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है। हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुआ था। उस समय चुनाव आयोग ने 27 सितंबर को चुनावी नामांकन के लिए अधिसूचना जारी की थी और 4 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए गए थे। वहीं 7 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की तिथि थी, जबकि 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 21 अक्टूबर को हुई थी, जिसके बाद 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव में पड़े वोटों की गिनती की गई और रिजल्ट घोषित किया गया था।
किसी भी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए किसी पार्टी को अकेले दम पर 46 सीटों की जरूरत होती है। चुनावी परिणाम के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 40 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 31 सीटें, जेजेपी ने 10 और अन्य ने 9 सीटें हासिल की थी। इसके बाद बीजेपी और जेजेपी ने आपस में गठबंधन किया और राज्य में सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में गठबंधित सरकार चलाई। इस दौरान जेजेपी प्रधान महासचिव दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम रहे।
लोकसभा चुनाव से पहले बिखर गई गठबंधित सरकार
बीजेपी-जेजेपी की गठबंधित सरकार इस साल लोकसभा चुनाव से पहले बिखर गई। 12 मार्च को बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया और इसके साथ ही मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने सरकार बनाने के लिए तय विधायकों की संख्या के हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी कांग्रेस, जेजेपी और आप के बीच चौतरफा मुकाबला होने की संभावना है। उधर इनेलो भी इस बार पूरी दमखम के साथ मैदान में है। इनेलो और मायावती की बीएसपी पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे हैं। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 10 सीट जीतने वाली बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। इसके उलट 2019 के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में 5 सीट हासिल करने में कामयाब हुई। ऐसे में इस बार देखना यह होगा हरियाणा की जनता किस पार्टी को सत्ता में बैठाती है ?