उत्तर प्रदेश

नोएडा: शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा ने किया सुसाइड, हॉस्टल में फंदे पर लटकी मिली लाश, सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों पर लगाए आरोप

उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में बीडीएस सेकंड ईयर की एक छात्रा ने शुक्रवार देर शाम को आत्महत्या कर ली. मृतका छात्रा का नाम ज्योति बताया जा रहा है. छात्रा यूनिवर्सिटी के मंडेला गर्ल्स हॉस्टल में 12वीं मंज़िल पर रहती थी. उसने अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी. ज्योति हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली थी.

मृतक छात्रा ज्योति के कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. इस सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों और विश्वविद्यालय प्रबंधन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है. सुसाइड नोट के अनुसार, उसे लंबे समय से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था. वहीं, घटना के बाद पुलिस ने इस मामले में यूनिवर्सिटी के स्टॉफ के दो सदस्यों को हिरासत मे ले लिया लिया है और पूछताछ कर रही है.

घटना की जानकारी मिलने पर हॉस्टल में रह रहे स्टूडेंट्स ने प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने भी पुलिस को सूचित किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

घटना के बाद छात्रों का हंगामा

वहीं देर रात तक मामले ने तूल पकड़े रखा मृतका के साथी छात्रों ने हॉस्टल परिसर में हंगामा किया. छात्रों का कहना है कि ज्योति पर फेक सिग्नेचर करने का आरोप लगाया गया था, जिससे वह काफी तनाव में थी. इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच हल्की नोक झोंक भी देखने को मिली, हालांकि बाद में पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को किसी तरह समझाकर बुझाकर मामले को शांत कराया.

यूनिवर्सिटी स्टॉफ के खिलाफ मामला दर्ज

एडीसीपी ग्रेटर नोएडा सुधीर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि थाना नॉलेज पार्क क्षेत्रान्तर्गत निजी यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल के रूम में एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतका बीडीएस सेकंड ईयर की छात्रा थी. थाना नॉलेज पार्क पुलिस द्वारा पंचायतनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पुलिस अधिकारी व फॉरेसिंक टीम द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किया गया है.

छात्रा के परिजनों द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर यूनिवर्सिटी के स्टॉफ के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें नामजद 2 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. परिजनों व छात्रों में शारदा यूनिवर्सिटी प्रशासन के विरूद्ध आक्रोश था, जिसे पुलिस अधिकारियों की ओर से वार्ता कर शांत कराया गया है.

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