दिल्ली

नोएडा-गुरुग्राम को मिलेगी टक्कर, गाजियाबाद लेकर आ रहा है धांसू स्कीम

नोएडा और गुरुग्राम मौजूदा समय में रियल एस्टेट सेक्टर के लिहाज से हॉट फेवरेट बने हुए हैं. जहां लग्जरी प्रॉपर्टीज के मामले में नंबर वन बना हुआ है. वहीं दूसरी ओर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के साथ यमुना भी एयरपोर्ट को लेकर होम बायर्स के बीच हॉट फेवरेट है. इस बीच नोएडा और गुरुग्राम को टक्कर देने के लिए गाजियाबाद भी सामने आ गया है. रियल एस्टेट सेक्टर के बढ़ते बूम को देखते हुए एक प्लॉट स्कीम लाने की तैयारी कर रहा है. गाजियाबाद अथॉरिटी अगले तीन महीनों में ये प्लॉट स्कीम लॉन्च कर देगी. अथॉरिटी की ओर से पूरी तैयारी की जा चुकी है. इस प्लॉट स्कीम में रेजिडेंशियल के साथ कमर्शियल की भी हिस्सेदारी होगी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर गाजियाबाद अथॉरिटी ये प्लॉट स्कीम कहां लॉन्च करने जा रही है और आगे की प्लानिंग क्या है?

120 प्लॉट की होगी स्कीम

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) काफी समय से इंदिरापुरम के एक्सपेंशन को लेकर काम कर रहा है. अब इसे अमलीजामा पहनाने का वक्त आ गया है. इसके लिए जीडीए एक प्लॉट स्कीम लाने की तैयारी कर रहा है. ये प्लॉट स्कीम इंदिरापुरम में शक्ति खंड के पास लाई जाएगी. जहां पर जीडीए की ओर से 120 प्लॉट काटे हैं. इस प्लॉट स्कीम में रेजिडेंशियल के साथ कमर्शियल प्लॉट भी होंगे. इस स्कीम को लाने से पहले जीडीए की ओर से एक्सटरनल डेवलपमेंट वर्क शुरू कर दिया है. अधिकारियों के अनुसार इंदिरापुरम में शक्ति खंड के पास 120 आवासीय और वाणिज्यिक भूखंडों को काटा गया है, और इन्हें अगले तीन महीनों में जनता के लिए पेश किया जाएगा. यह परियोजना लगभग 34,000 वर्ग मीटर (वर्गमीटर) में फैली हुई है, और इंदिरापुरम विस्तार के हिस्से के रूप में पहली बार भूखंडों की पेशकश की जा रही है.

300 से 600 वर्गमीटर के होंगे प्लॉट

जीडीए के मीडिया समन्वयक रुद्रेश शुक्ला ने कहा कि प्राधिकरण ने इंदिरापुरम एक्सटेंशन के लिए सड़कों, जल निकासी, सीवर आदि के विकास जैसे बाहरी विकास कार्यों का काम शुरू कर दिया है. उम्मीद है कि तीन महीने में काम पूरा होने के अंतिम चरण में पहुंच जाएगा. फिर, प्राधिकरण नीलामी में भूखंडों की पेशकश करेगा. अधिकारियों ने कहा कि भूखंडों का आकार 300- 600 वर्गमीटर के बीच हो सकता है. अधिकारियों ने कहा कि प्राधिकरण के पास पहले से ही क्षेत्र था और इन्हें कोई खरीदार नहीं मिला क्योंकि जमीन एक श्मशान घाट के पास थी. इसलिए, प्राधिकरण ने इन ग्रुप हाउसिंग भूखंडों को व्यक्तिगत भूखंडों में बदल दिया. उन्होंने कहा कि इस कदम से खरीदारों को आकर्षित करने की उम्मीद है.

क्या होगी प्लॉट की कीमत

जीडीए के चीफ इंजीनियर मानवेंद्र सिंह ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि श्मशान घाट के व्यू को काटने के लिए हमने ग्रीन बेल्ट आदि के साथ एक नया लेआउट बनाने की योजना बनाई है, हम व्यू-कटर भी लगाएंगे. इसलिए, यह क्षेत्र अब प्लॉटेड विकास के लिए व्यवहार्य है. इससे प्राधिकरण को लगभग 300-350 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है. आवासीय भूखंडों की प्रति वर्ग मीटर कीमत लगभग 2.04 लाख रुपये होगी, जबकि वाणिज्यिक भूखंडों के मामले में यह दोगुनी हो जाएगी. इसका मतलब है कि अगर कोई 300 वर्गमीटर का प्लॉट लेकर तो उसकी कीमत 6 करोड़ रुपए से ज्यादा होगी. वहीं 300 वर्गमीटर के कमर्शियल प्लॉट के दाम 12 करोड़ रुपए से ज्यादा होने का अनुमान है.

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