मस्जिद विवाद को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि लोगों को इतिहास की लड़ाई में धकेला जा रहा है. देश की 14 फीसदी आबादी दबाव का सामना कर रही है. ऐसे माहौल में कोई देश महाशक्ति नहीं बन सकता. ओवैसी ने कहा कि हर ‘वाहिनी’, ‘परिषद’ और ‘सेना’ के पीछे सत्ताधारी पार्टी है. उनका कर्तव्य है कि वे पूजा स्थल अधिनियम की रक्षा करें और इन झूठे विवादों को समाप्त करें.
दरअसल, देश में मंदिर-मस्जिद का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. संभल के बाद अब जौनपुर जिले की अटाला मस्जिद के मंदिर होने का दावा किया गया है. अटाला मस्जिद विवाद का मामला अब हाई कोर्ट पहुंच चुका है. 14वीं शताब्दी में बनी इस मस्जिद के मंदिर होने का दावा किया गया है. इसको लेकर जिला कोर्ट में एक याचिका डाली गई है.
यह याचिका स्वराज वाहिनी एसोसिएशन ने डाली है, जिसमें कहा गया है कि जिस जगह मस्जिद है, वहां पहले अटला देवी का मंदिर था. याचिका में अटाला मस्जिद में पूजा अर्चना का अधिकार दिए जाने की मांग की गई है.
The people of India are being pushed into fights over history where none existed. No nation can become a superpower if 14% of its population faces such constant pressures.
Behind every Vahini Parishad Sena etc, there is the invisible hand of the ruling party. They have a https://t.co/KOR2XG4MjA
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 7, 2024
हाई कोर्ट पहुंचा अटाला मस्जिद का मामला
अटाला मस्जिद की तरफ से इलाहबाबाद हाई कोर्ट में स्थानीय कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें दावा किया गया था कि वहां प्राचीन अटाला देवी मंदिर है. वहीं, अब इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में 9 दिसंबर 2024 को सुनवाई होगी. अटाला मस्जिद की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि वादी पक्ष को केस करने का कोई अधिकार नहीं है. विवादित संपत्ति हमेशा से मस्जिद रही है.