हरियाणा
सादा शादियों का प्रतीक निरंकारी सामूहिक शादियां, 77 युगल परिणय सूत्र में बंधे
माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि भक्ति करते हुए गृहस्थ में रहना ही सबसे बड़ी तपस्या
न्यूज़ डेस्क हरियाणा । समालखा । सुरेश निरंकारी । निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के परम सान्निध्य में आज 77 नव विवाहित जोडे़ परिणय सूत्र के पवित्र बंधन में बंधे। सतगुरु माता ने गृहस्थ जीवन को भक्ति के साथ जीने का आशीर्वाद प्रदान किया। दांपत्य जीवन की शुरुआत करने और सुखमय जीवन जीने के लिए उनके परिवार के सदस्यों को भी शुभकामनाएं दी।
संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा में बने विशाल पंडाल में हजारों निरंकारी संतों की उपस्थिति में देश एवं विदेश के जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। निरंकारी राजपिता जी के भाई रोहन जी का विवाह यूनाइटेड किंगडम से आई पूर्वा के साथ सादगीपूर्वक इन्हीं सामूहिक शादियों में सम्पन्न हुआ।
इस साधारण रीति रिवाज में पारम्परिक जयमाला के साथ निरंकारी विवाह का विशेष चिन्ह सांझा-हार भी प्रत्येक जोडे़ को मिशन के प्रतिनिधियों द्वारा पहनाया गया। लावों के दौरान सतगुरु माता जी ने वर-वधू पर पुष्प-वर्षा कर अपना दिव्य आशीर्वाद प्रदान किया। उनके साथ साध संगत, वर-वधू के सम्बधित परिजनों ने भी पुष्प-वर्षा की। निश्चित रूप से यह एक आलौकिक दृश्य था।
आज के इस शुभ अवसर पर समूचे भारतवर्ष के भिन्न-भिन्न राज्यों एवं दूर देशों से विवाह हेतु कुल 77 युगल सम्मिलित हुए। जिनमें मुख्यत भारतवर्ष से दिल्ली गुजरात हरियाणा हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश ओडिशा, पंजाब राजस्थान उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश एवं विदेश से यूएई, इंग्लैण्ड देश इत्यादि है। सामुहिक विवाह के उपरांत सभी के लिए भोजन की समुचित व्यवस्था निरंकारी मिशन द्वारा की गई।
नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि भक्ति करते हुए गृहस्थ में रहना ही सबसे बड़ी तपस्या है और आज के समय में गृहस्थी में प्रत्येक महिला एवं पुरूष का समान रूप से योगदान होना चाहिए।
सतगुरु माता जी ने नव-विवाहित युगल को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान किया तथा उनके सुखद जीवन हेतु मंगल कामना की।