हरियाणा

NGT रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: सोनीपत की 117 औद्योगिक इकाइयां यमुना को कर रही प्रदूषित

चंडीगढ़ : पिछले हफ़्ते नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को एक एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट सौंपी गई थी जिसके मुताबिक बताया जा रहा है कि बरही इंडस्ट्रियल एरिया में लगभग 117 प्रदूषण फैलाने वाली यूनिट्स से निकलने वाला इंडस्ट्रियल डिस्चार्ज सोनीपत से गुज़रने वाली यमुना के ड्रेन नंबर 6 को गंदा कर रहा है।

यह इंस्पेक्शन सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (HSPCB) और लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के एक्सपर्ट्स ने HSIIDC इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स में लगे कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (CETPs) के काम करने के तरीके और असर का पता लगाने के लिए किया था।  रिपोर्ट में CETP आउटलेट्स पर बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड के खतरनाक रूप से ज़्यादा लेवल को हाईलाइट किया गया। इसमें यह भी बताया गया कि HSIIDC के पास एरिया में इंडस्ट्रीज़ को ग्राउंडवाटर सप्लाई करने के लिए बोरवेल चलाने की वैलिड परमिशन नहीं है।

यह कार्रवाई एनवायरनमेंटल एक्टिविस्ट वरुण गुलाटी की हरियाणा सरकार और स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के खिलाफ ड्रेन नंबर 6 के कथित गंदगी को लेकर की गई शिकायतों के बाद हुई है, जो आखिर में नई दिल्ली में वज़ीराबाद वॉटर वर्क्स में मिल जाती है। प्रदूषित पानी में नदी की सतह पर बार-बार दूसरे नुकसानदायक पॉल्यूटेंट्स के साथ केमिकल के अवशेष दिखे हैं। इससे पहले NGT ने नुकसान के लिए इंडस्ट्रीज़ और HSIIDC (हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) पर 3.15 करोड़ रुपये का एनवायरनमेंटल कम्पनसेशन लगाया था।

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