ईरान पर हमला कर फंस गए नेतन्याहू? अमेरिका के बाद अब अपने ही सेना प्रमुख ने दिया झटका

ईरान पर अटैक कर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बुरी तरह फंस गए हैं. एक तरफ अमेरिका ने सीधे तौर पर इजराइल को समर्थन देने से इनकार कर दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो का कहना है कि इजराइल ने यह हमला खुद से किया है. वहीं अब इजराइल से जो खबर आ रही है, वो काफी चिंताजनक है.
अल अरबिया के मुताबिक इजराइल डिफेंस फोर्स ने ईरान पर हमले को लेकर नेतन्याहू को आगाह किया था. डिफेंस फोर्स के चीफ जमीर ने कहा था कि बिना अमेरिका के समर्थन लिए ईरान पर हमला नहीं करना चाहिए.
ईरान से अकेले नहीं लड़ पाएंगे
अल अरबिया ने इजराइली सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि डिफेंस फोर्स के चीफ ने बैठक में प्रधानमंत्री नेतन्याहू से यह भी कहा कि हम अकेले ईरान से नहीं लड़ पाएंगे. ईरान कोई प्रॉक्सी संगठन नहीं है. वह एक देश है और उससे जंग लड़ना होगा, जिसके लिए सेना अभी तैनात नहीं है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइल के डिफेंस फोर्स के चीफ की इन बातों से इजरायली वायु सेना प्रमुख टोमर बार सहमत थे.
कम से कम 2 हफ्ते तक जंग चलेगा
Ynet मीडिया के मुताबिक इजराइल के अधिकारियों ने बैठक में कहा कि अगर हम हमला करते हैं तो कम से कम 2 हफ्ते तक जंग चल सकता है. ऐसे में हमें इसकी पूरी तैयारी करनी चाहिए.
इजराइल के अधिकारियों का कहना था कि हम अभी मिलिशिया ग्रुप से लड़ रहे हैं. ऐसे में सेना की स्थिति कमजोर है, इसलिए हम लोगों को थोड़ा रुकने की जरूरत है.
नेतन्याहू ने लिया फाइनल फैसला
अधिकारियों की दलील सुनने के बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने फाइनल फैसला किया. नेतन्याहू का कहना था कि ईरान परमाणु बम बना रहा है. अगर बम बना लेता है तो आने वाले वक्त में उस पर हमला करना आसान नहीं होगा.
इसके बाद इजराइल एयरफोर्स ने ईरान पर हमले की कवायद शुरू की. तेहरान के आसपास 6 ठिकानों पर आईएएफ ने स्ट्राइक किया. इस स्ट्राइक में जहां ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट किया गया है. वहीं उसके बड़े अफसरों को भी मार दिया गया है.
इजराइल के स्ट्राइक के बाद ईरान ने बदला लेने की कसम खाई है. वहीं सऊदी अरब ने भी इजराइल का विरोध किया है. सऊदी को अमेरिका का करीबी माना जाता है.