राष्ट्रीय

बप्पा के श्रृंगार में लगे 1.51 करोड़ के नोट… उदयपुर चा राजा के दर्शन करने उमड़े लोग

देशभर में गणेश महोत्सव की धूम मची हुई है. जगह-जगह पंडाल सजे हैं, कहीं भक्ति गीतों की गूंज है तो कहीं श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में लेकसिटी उदयपुर भी बप्पा के रंग में रंगा हुआ है. खास बात यह रही कि इस बार उदयपुर के बापू बाजार में स्थापित गणपति प्रतिमा को 1 करोड़ 51 लाख रुपए की नोटों की अनोखी आंगी धराई गई. जी हां, बप्पा के सजावट के लिए अलग-अलग नोटों का इस्तेमाल किया गया है.

मुंबई के गणपति महोत्सव की धूम पूरे देश में रहती है और वहां की सबसे मशहूर प्रतिमा को “मुंबई चा राजा” कहा जाता है. ठीक उसी तर्ज पर उदयपुर में भी बापू बाजार स्थित श्री स्वास्तिक विनायक गणपति मंडल की प्रतिमा को लोग उदयपुर चा राजा के नाम से पुकारते हैं. मंगलवार को गणपति बप्पा को नोटों से बनी ऐसी आंगी धराई, जिसे देखने हजारों लोग उमड़ पड़े. पूरी प्रतिमा पर और पांडाल में 1 करोड़ 51 लाख रुपए के नोट सजाकर श्रृंगार किया गया.

मंडल कार्यकर्ताओं ने बताया कि वह पिछले 25 सालों से गणेश महोत्सव मना रहे हैं. लेकिन नोटों की आंगी की परंपरा पिछले 21 साल पहले से शुरू हुई है. हर साल बप्पा को अनूठे अंदाज में सजाया जाता है और राशि भी बढ़ती गई.

साल दर साल बढ़ी आंगी की रकम

पिछले 9 सालों में 5 लाख 55 हजार 555 रुपए, 7 लाख 77 हजार 777 रुपए, 11 लाख 11 हजार 111 रुपए, 21 लाख 21 हजार 221 रुपए, 31 लाख 31 हजार 331 रुपए, 33 लाख 33 हजार 333 रुपए, 31 लाख 31 हजार 131 रुपए, 41 लाख 41 हजार 441 रुपए और इस बार, 1 करोड़ 51 लाख रुपए की आंगी धराई गई .

गणपति बप्पा की प्रतिमा का दरबार भी अनोखे अंदाज में सजाया गया है. हर दिन अलग-अलग थीम पर पंडाल और श्रृंगार तैयार किया जाता है. रंग-बिरंगी लाइटें, फूलों की सजावट और भक्तिमय माहौल लोगों को आकर्षित कर रहा है. पंडाल में प्रवेश करते ही भक्तों का स्वागत घंटियों की गूंज और भजनों की मधुर ध्वनि से होता है. श्रद्धालु प्रतिमा के दर्शन के साथ-साथ बप्पा की इस अनूठी आंगी को देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

30 सदस्य मिलकर जुटाते हैं नोट

मंडल के सदस्य वैभव अग्रवाल ने बताया कि हर साल प्रतिमा की ऊंचाई और विशेषताओं के आधार पर आंगी की राशि तय की जाती है. इस राशि को जुटाने के लिए मंडल के सभी 30 सदस्य आपसी सहयोग से चंदा इकट्ठा करते हैं.सबसे खास बात यह है कि जो भी राशि सदस्य देते हैं, उसमें से रसीद काटकर बाकी राशि उन्हें लौटा दी जाती है.

बापू बाजार का यह पंडाल इस बार गणपति महोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण बन गया है. हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. दिनभर श्रद्धालु कतार में खड़े होकर बप्पा के दरबार में मत्था टेकते हैं और अनोखी आंगी का नजारा देखते हैं. भक्तों का कहना है कि इस तरह की परंपरा से न केवल आस्था मजबूत होती है, बल्कि समाज में एकता और सहयोग की भावना भी पनपती है.

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