हरियाणा
राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान 30 सितंबर तक रहेगा जारी – राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान से सुधरेंगे रिश्ते और घटेगा मुकदमेबाजी का बोझ : पवन कुमार

भिवानी, 31 जुलाई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के आदेशों की अनुपालना में देशभर में “राष्ट्र के लिए मध्यस्थता” अभियान की शुरुआत की गई है। इसी क्रम में भिवानी में भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 1 जुलाई 2025 से इस विशेष अभियान की शुरुआत हो चुकी है। यह 90 दिवसीय अखिल भारतीय अभियान 30 सितंबर 2025 तक चलेगा। इस अभियान की अगुवाई जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी. आर. चालिया के निर्देशानुसार की जा रही है।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, सह सचिव पवन कुमार ने ये जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान से रिश्ते सुधरेंगे और मुकदमेबाजी का बोझ घटेगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य लंबित मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करना है। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता की प्रक्रिया से ना केवल समय और धन की बचत होती है, बल्कि पक्षकारों के बीच पारस्परिक संबंध भी बेहतर बने रहते हैं। उन्होंने बताया कि अभियान में जिला न्यायालयों से लेकर उच्च न्यायालय तक सभी न्यायिक स्तरों को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि “राष्ट्र के लिए मध्यस्थता” अभियान न्यायपालिका के उस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है, जो कहता है कि विवादों को आपसी सहमति से सुलझाना एक सशक्त, त्वरित और प्रभावशाली समाधान है। उन्होंने बताया कि यह अभियान विशेष रूप से उन मामलों पर केंद्रित है जो मध्यस्थता के योग्य हैं, जैसे पारिवारिक विवाद, भूमि विवाद, व्यापारिक अनुबंध विवाद, उपभोक्ता मामले आदि।
उन्होंने कहा कि “हमारा प्रयास है कि एक ऐसा वातावरण तैयार किया जाए जहां जनता मध्यस्थता को एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में स्वीकार करे। इससे न्यायिक व्यवस्था पर दबाव भी कम होगा और आमजन को राहत मिलेगी।”
सीजेएम पवन कुमार ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत जिला एवं तालुका स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम, वर्कशॉप, शिविर और विशेष मध्यस्थता सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। पैनल अधिवक्ताओं, मध्यस्थों और कानून के विद्यार्थियों को भी इस अभियान से जोड़ा गया है, जिससे समाज के हर वर्ग तक इसकी पहुंच हो सके।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिवानी ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे आपसी विवादों को अदालत में लंबी लड़ाई लड़ने की बजाय मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने का प्रयास करें। यह कदम न केवल विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित करेगा, बल्कि समाज में समरसता और सहयोग की भावना को भी मजबूत करेगा।