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हरियाणा के 22 जिलों और 34 उपमंडलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, इन मुकदमों को निपटाया

हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने माननीय न्यायमूर्ति अरुण पल्ली न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में वर्ष 2024 की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का शनिवार

चंडीगढ़ : हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने माननीय न्यायमूर्ति अरुण पल्ली न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में वर्ष 2024 की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का शनिवार को हरियाणा के 22 जिलों और 34 उपमंडलों में आयोजन किया गया। जिसमें सिविल, आपराधिक, वैवाहिक, बैंक वसूली, आदि से संबंधित कई मामले उठाए गए। इसमें एडीआर केंद्रों में कार्यरत स्थायी लोक अदालतों के मामले भी शामिल हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित करने का उद्देश्य वादकारियों को अपने विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।

राष्ट्रीय लोक अदालत के दिन माननीय न्यायमूर्ति अरुण पल्ली न्यायाधीश पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोक अदालतों की निगरानी की। माननीय न्यायमूर्ति ने लोक अदालत पीठों के साथ-साथ पक्षकारों से भी बातचीत की और लोक अदालत पीठों को दिशा-निर्देश दिए।

 

माननीय न्यायमूर्ति अरुण पल्ली ने राष्ट्रीय लोक अदालत के सफलतापूर्वक संचालन के लिए लोक अदालत पीठों को अपनी शुभकामनाएं दी और उन्हें आज की राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों का निपटारा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि लोक अदालत बिना किसी अतिरिक्त लागत या शुल्क के पार्टियों पर बाध्यकारी मामलों के त्वरित और अंतिम सहमतिपूर्ण निपटान को सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति है। उन्होंने कहा कि लोक अदालतें न केवल लंबित विवाद या पक्षकारों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों का निपटारा करती हैं। बल्कि यह सामाजिक सदभाव भी सुनिश्चित करती हैं। क्योंकि विवाद करने वाले पक्षकार अपनी पूर्ण संतुष्टि के साथ अपने मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाते हैं। पूर्व-मुकदमेबाजी और लंबित दोनों चरणों में लगभग 2,35,000 मामलों का निपटारा किया गया। जिसमें पक्षकारों के बीच 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का निपटान हुआ।

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