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नाना पूर्व राष्ट्रपति, गांधी परिवार से संबंध…अशोक तंवर की पत्नी अवंतिका माकन को कितना जानते हैं?

हरियाणा में वोटिंग से ठीक 36 घंटे पहले एक सियासी उलटफेर में कद्दावर नेता अशोक तंवर बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आ गए. कांग्रेस में तंवर की घर वापसी कराने में उनकी पत्नी अवंतिका माकन की अहम भूमिका बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि अवंतिका की ही सिफारिश पर कांग्रेस हाईकमान सक्रिय हुई और हुड्डा-सैलजा के धुर विरोधी तंवर की आसानी से घर वापसी संभव हो पाई.

तंवर की पत्नी के साथ-साथ अवंतिका की एक और पहचान है. वो पहचान, ललित माकन की बेटी की है. अवंतिका कद्दावर नेता ललित माकन की बेटी और पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की नातिन है. इन्हीं संबंधों की वजह से गांधी परिवार में भी अवंतिका की सियासी घुसपैठ है.

इस स्टोरी में अशोक तंवर की पत्नी अवंतिका माकन की कहानी डिटेल में जानते हैं…

पहले जानिए तंवर की घर वापसी की इनसाइड स्टोरी?

अशोक तंवर की कांग्रेस में घर वापसी कराने में अवंतिका माकन ने बड़ी भूमिका निभाई है. कहा जा रहा है कि अवंतिका ने इसके लिए सीधे कांग्रेस हाईकमान से संपर्क साधा. अवंतिका की सिफारिश पर विचार करते हुए बुधवार (2 अक्टूबर) को कांग्रेस हाईकमान ने तंवर की वापसी पर विचार शुरू किया.

गुरुवार (3 अक्टूबर) को कांग्रेस हाईकमान ने पहले भूपिंदर सिंह हुड्डा से इस पर संपर्क साधा और फिर कुमारी सैलजा को 10 जनपथ बुलाया गया. सैलजा से खुद सोनिया गांधी ने अशोक की वापसी पर बात की. दोनों नेताओं को कन्फिडेंस में लेने के बाद अशोक तंवर को मैसेज भेजा गया.

इसके बाद अशोक तंवर सारा काम छोड़ महेंद्रगढ़ की रैली में पहुंच गए. जहां पर राहुल गांधी भाषण दे रहे थे. राहुल का भाषण जैसे ही खत्म हुआ. अशोक मंच पर आ गए. वहीं पर हुड्डा ने उन्हें कांग्रेस का पट्टा पहनाया.

अब अवंतिका माकन की 3 कहानी

1. 6 साल में पिता की हत्या हो गई- अवंतिका माकन कांग्रेस के दिग्गज नेता ललित माकन की बेटी है. ललित दक्षिणी दिल्ली से सांसद थे. 1985 में सिख चरमपंथियों ने ललित और उनकी पत्नी की एक साथ हत्या कर दी. हत्यारों का कहना था कि ललित ने 1984 में इंदिरा की हत्या के बाद सिखों को मारने के लिए उकसाया था.

ललित कांग्रेस के कद्दावर नेता शंकर दयाल शर्मा के दामाद थे. पिता और माता की हत्या के बाद अवंतिका अपने नाम शंकर दयाल के पास चली गईं. वहीं पर अवंतिका का लालन-पालन हुआ.

अवंतिका अपने नाना शंकर दयाल शर्मा के साथ 1992-1997 तक राष्ट्रपति भवन में ही रहती थीं. यहीं से वो पढ़ने के लिए कॉलेज जाती थी.

2. 18 साल में शादी की फिर तलाक– साल 1997 में अवंतिका ने 18 साल की उम्र में सुचितर शर्मा से शादी की, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया. अवंतिका ने कुछ साल बाद ही सुचितर से तलाक ले लिया.

एक इंटरव्यू में अवंतिका कहती हैं- मैंने पहली शादी जल्दबाजी में की थी. हम दोनों के रिश्ते ठीक से नहीं चल पा रहे थे, जिसके बाद मैंने अलग होने का फैसला कर लिया.

2005 में अवंतिका ने अशोक तंवर से दूसरी शादी की. कहा जाता है कि तंवर से शादी करने से पहले अवंतिका ने सोनिया गांधी से सलाह ली थी. सोनिया उस वक्त यूपीए की चेयरपर्सन थी और अशोक तंवर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए थे.

3. माता-पिता के हत्यारे को माफी दी- 2004 में अवंतिका ने अपने माता-पिता के हत्यारे रणजीत सिंह उर्फ कोकी को माफी दे दी. अवंतिका की माफी की वजह से कोकी 9 साल में ही जेल से छूट गया.

अवंतिका एक इंटरव्यू में कहती हैं- अमेरिका से जब कोकी को पकड़कर भारत लाया गया, तब मैंने उसे फांसी देने की मांग की. कोर्ट से उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. 2004 में मैं लुधियाना गई थी.

वहां पर कोकी के परिवार मुझसे मिलना चाहते थे. कोकी भी उस वक्त पैरोल पर घर आया हुआ था. मैं जब कोकी के परिवार से मिली, तो मुझे लगा कि यह हत्यारा कैसे हो सकता है? उसके परिवार के लोग बुरी तरह टूटे हुए थे.

अवंतिका आगे कहती हैं- मैंने इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से बात की. सरकार ने कोकी के माफीनामे को आगे बढ़ाया. 2009 में कोकी जेल से हमेशा के लिए बाहर आ गया.

अवंतिका माकन का राजनीतिक करियर

शुरुआती पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से करने के बाद अवंतिका कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई से जुड़ गई. अवंतिका को 19 साल की उम्र में साल 1998 में एनएसयूआई का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया.

2003 में अवंतिका को एनएसयूआई का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. 2004 में अजय माकन के इस्तीफा देने के बाद अवंतिका राजौरी गार्डन सीट से चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन माकन ने वीटो लगा दिया.

उस वक्त अवंतिका ने खुलकर अजय के खिलाफ मोर्चा खोला और राजौरी सीट पर निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया. हालांकि, कांग्रेस हाईकमान के दखल के बाद अवंतिका पीछे हट गई.

अशोक से शादी के बाद अवंतिका का राजनीतिक करियर परवान नहीं चढ़ पाया.

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