दिल्ली में वोटर लिस्ट से काटे जा रहे नाम… केजरीवाल का दावा, कहा- नहीं बचेंगे जिम्मेदार अधिकारी
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की लड़ाई तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने एक-दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया है. इसी बीच आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके दिल्ली में मतदाता सूची में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि बीजेपी ने इसी तरह से हरियाणा और महाराष्ट्र में भी गड़बड़ी करके चुनाव जीता था.
आप नेता अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में इस साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी गहराई से इसकी जांच-पड़ताल में जुट गई है. उन्होंने कहा कि जो भी अफसर इस सिलसिले में जिम्मेदार होगा, उनका पर्दाफाश किया जाएगा.
वोटर लिस्ट की पड़ताल में जुटी आप
आम आदमी पार्टी का कहना है हमारे नेता मतदाता सूची की जांच पड़ताल को लेकर बेहद गंभीर हैं. पार्टी ने पूरी दिल्ली के कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है. हर विधानसभा के हिसाब से 5 टीमें बनाई गई हैं. केंद्रीय टीम के साथ सदस्य 24 घंटे काम पर लग गए हैं. टीम एक-एक व्यक्ति से संपर्क कर रही है. नाम कटने की प्रक्रिया का पालन हुआ है कि नहीं, इसकी जानकारी भी इकट्ठा कर रही है.
आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो एक-एक घर जाएं और वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम का मिलान करें. पार्टी का कहना है अगर किसी मतदाता का नाम हाल फिलहाल में काटा गया है तो उनके नाम लिस्ट में जुड़वाने का भी प्रयास किया जा रहा है. पार्टी पूरे मसले पर लीगल सेल भी मदद ले रही है.
कानूनी कार्रवाई का भी किया जिक्र
पार्टी के पदाधिकारी अपने कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं और रोजाना अपडेट ले रहे हैं. पार्टी ने कहा कि जो भी गलत तरीके से मतदाता का नाम काटने का जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पार्टी ने इस सिलसिले में बकायदा धारा 174, धारा 318, धारा 217, धारा 196 और धारा 61 का भी जिक्र किया है.
वोटर लिस्ट से नाम काटने का नियम
वोटर लिस्ट से नाम कटवाने के लिए चुनाव आयोग की एक तयशुदा प्रक्रिया है. इसके लिए इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) की ओर से मतदाताओं के नाम का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया जाता है. संबंधित क्षेत्र का कोई भी मतदाता किसी भी नाम पर आपत्ति जता सकता है. यह सूची सभी राजनीतिक दलों को भेजी जाती है और मुख्य चुनाव अधिकारी की वेबसाइट, इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के नोटिस बोर्ड और मतदान केंद्रों पर प्रदर्शित की जाती है.
नाम कटने की वजह मृत्यु या पते में परिवर्तन हो सकता है. फॉर्म 7 ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है या इसे इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर से भी प्राप्त किया जा सकता है. वोटर का नाम वोटर लिस्ट से हटाना है या नहीं, इसे लेकर इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर का निर्णय ही अंतिम होता है.