नफे सिंह राठी के परिवार ने ठोकी चुनावी ताल, बेटे जितेन्द्र राठी होंगे बहादुरगढ़ से इनेलो-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार
बहादुरगढ़: बहादुरगढ़ विधानसभा से इनेलो प्रदेश अध्यक्ष रहे स्वर्गीय नफे सिंह राठी के परिवार ने भी चुनावी ताल ठोक दी है। स्वर्गीय नफे सिंह राठी के छोटे बेटे जितेंद्र राठी बहादुरगढ़ से इनेलो बसपा गठबंधन के उम्मीदवार होंगे। बहादुरगढ़ के गौरैया पर्यटन केंद्र में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नफे सिंह राठी के भतीजे कपूर सिंह राठी ने विधानसभा चुनाव के लिए जितेन्द्र को इनेलो बसपा गठबंधन का उम्मीदवार घोषित किया। इस मौके पर शीला नफे सिंह राठी ने बेटे जितेंद्र को जीत का आशीर्वाद भी दिया।
आज से पूरे 6 महीने पहले 25 फरवरी के दिन बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक एवं इनेलो प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है। इसी बीच विधानसभा चुनाव 2024 की भी घोषणा हो चुकी है। नफे सिंह राठी के बाद उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी कौन होगा, यह अब तक पहेली बना हुआ था। आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नफे सिंह राठी परिवार ने उनके छोटे बेटे जितेंद्र राठी को उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। जितेंद्र राठी बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से इनेलो बसपा गठबंधन के उम्मीदवार होंगे । जितेंद्र राठी का कहना है कि वह नफे सिंह राठी के बेटे हैं और उनके लिए उनकी जुबान ही सब कुछ है। जितेंद्र राठी का दावा है कि वह विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद हल्के का संपूर्ण विकास करवाएंगे और यहां व्याप्त भ्रष्टाचार और अपराध को जड़ से खत्म करने का काम करेंगे।
बेटे को दिया जीत का आशीर्वाद
पत्रकारों से बातचीत करते हुए शीला नफे सिंह राठी ने बेटे जितेंद्र राठी को जीत का आशीर्वाद दिया। शीला राठी का कहना है कि यह विधानसभा चुनाव महज चुनाव नहीं है बल्कि न्याय और अन्याय की लड़ाई है। नफे सिंह राठी को न्याय दिलवाने के लिए उन्होंने हल्के की आम जनता से भी जितेंद्र राठी के समर्थन में वोट करने की अपील की है।
दो बार रह चुके हैं विधायक
बता दें कि स्वर्गीय नफे सिंह राठी बहादुरगढ़ से दो बार विधायक चुने गए थे। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी नफे सिंह राठी को करीब 25000 वोट मिले थे। उनके बेटे जितेंद्र राठी भी राजनीति से भली भांति परिचित है। वह फिलहाल बहादुरगढ़ नगर परिषद के वार्ड 9 से पार्षद है। जितेंद्र राठी अब चुनावी मैदान में कूद गए हैं। ऐसे में बहादुरगढ़ हल्के की जनता का उन्हें कितना सहयोग मिल पाता है यह देखने वाली बात होगी।