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शादी में मुस्लिम दूल्हे का अनोखा तोहफा, दुल्हन और मेहमानों को दी ऐसी गिफ्ट कि सबने की तारीफ

इन दिनों एक मुस्लिम जोड़े की शादी खूब वायरल हुई है. दरअसल, उन्होंने शादी बेहद अनोखे अंदाज में की. दूल्हे ने दुल्हन को गिफ्ट में संविधान की कॉपी दी. दुल्हन ने भी दूल्हे को वही गिफ्ट दिया. यही नहीं, शादी में आए तमाम मेहमानों को भी तोहफे में संविधान की कॉपी ही दी गई. साथ में एक पर्चा भी दिया गया, जिसमें संविधान के मायने बताए गए हैं. यह राज्य में दूसरी बार है जब इस तरह की अनोखी शादी हुई है.

यह अनोखा विवाह केरल के तिरुवनंतपुरम के पास पलोड़ में हुआ. दूल्हे का नाम जबीरुल हसन और दुल्हन का नाम असीना है. दोनों ने निकाह के गिन धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ संविधान की कॉपी एक दूसरे को गिफ्ट देकर शादी की रस्मों को पूरा किया.

यह शादी सिर्फ प्यार और साथ निभाने का जश्न नहीं थी बल्कि इसमें भारतीय संविधान में बताए गए आदर्शों को अपनाने का संदेश भी दिया गया. हसन पहले कोल्लम डिस्ट्रिक्ट पंचायत की ओर से चलाए गए कॉम्प्रिहेंसिव कॉन्स्टिट्यूशन लिटरेसी प्रोजेक्ट में काम कर चुके हैं. इसी प्रोजेक्ट से उन्हें प्रेरणा मिली कि लोगों को संविधान के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाए. हसन कॉन्स्टिट्यूशन लिटरेसी काउंसिल के ट्रेजरर भी हैं. यह एक एनजीओ है और इसका मकसद संविधान की जानकारी लोगों तक पहुंचाना है.

इस अनोखी शादी में संविधान की प्रस्तावना को भी दिखाया गया. निकाह के बाद हसन और असीना ने संविधान की कॉपी एक दूसरे को गिफ्ट की और संविधान से जुड़ा संदेश भी पढ़ा. फिर निकाह का समापन राष्ट्रगान से किया गया.

‘लोगों को जागरूक करने का एक प्रयास’

हसन सामाजिक शिक्षा में रुचि रखते हैं और उन्होंने कई सोशल कार्यक्रमों में संविधान की जानकारी को शामिल किया है ताकि लोगों को प्रेरित किया जा सके. उन्होंने कहा कि यह भी एक ऐसा ही प्रयास है. साल 2022 में हसन को संविधान साक्षरता प्रोजेक्ट के लिए सीनेटर के तौर पर चुना गया था. उन्होंने कॉलेज और कई आयोजनों में इंटरएक्टिव सेशन किए और कोल्लम जिले में छात्रों और आम लोगों के लिए क्लास लीं.

असीना ने नहीं की है संविधान की पढ़ाई

दूल्हे हसन ने कहा- हमारा मकसद यह बताना है कि संविधान के मूल्य परिवार के जीवन का भी हिस्सा बनने चाहिए. उन्होंने बताया कि उनके परिवार वालों ने उनका साथ दिया है क्योंकि वे जानते हैं कि हम संविधान की बातों को लोगों तक पहुंचाने का काम करते हैं. उन्होंने असीना को ऐसा करने के बारे में बताया और वो भी मान गईं. असीना ने संविधान की पढ़ाई नहीं की है लेकिन वो उसमें दिलचस्पी जरूर रखती हैं.

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