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वो हिंदू महिलाएं जिनका पाकिस्तान के सिस्टम में चलता है सिक्का

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक के खिलाफ हिंसाओं की खबर आम हैं. अल्पसंख्यक अधिकारों और कनून के हनन के बावजूद पाकिस्तान में हिंदू समाज की बेटियां अपनी मेहनत से आगे बढ़ रही हैं. हाल ही में पाकिस्तान पब्लिक कमिशन परिक्षा पास कर बलूचिस्तान की कशिश चौधरी असिस्टेंस कमिश्नर बनी हैं. जिसके बाद उन्होंने अपने समुदाय और अशांत प्रांत के विकास का संकल्प लिया है.

कशिश चौधरी अकेली नहीं है, जिन्होंने पाकिस्तान में अपना नाम बनाया है उनकी तरह ही पाकिस्तान की कई हिंदू महिलाएं और हैं जो मुस्लिम देश में अपना सिक्का चला रही हैं. इन महिलाएं ने इन महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचने के लिए कई सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक बाधाओं का सामना किया है.

कराची से सिंध तक हिंदू महिलाओं की धाक

ऐसी ही एक महिला हैं मनेश रोपेटा जो 2022 में कराची में पुलिस अधीक्षक नियुक्त होने वाली पहली हिंदू महिला बनीं, जहां वह अभी भी तैनात हैं. इसके अलावा 35 साल की पुष्पा कुमारी कोहली कराची में उप-निरीक्षक के रूप में कार्यरत हैं और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हिंदू महिलाओं में शीर्ष तक पहुंचने के लिए दृढ़ता और बुद्धिमत्ता है.

PTI के मुताबिक अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली कोहली ने कहा, “मैंने सिंध पुलिस लोक सेवा परीक्षा भी पास कर ली है. वहां कई हिंदू लड़कियां हैं जो खुद को शिक्षित करने और कुछ बनने का इंतजार कर रही हैं.”

सिंध प्रांत के शाहदादकोट की मूल निवासी सुमन पवन बोदानी ने भी पाकिस्तान में नाम कामाया है. वह पहली बार 2019 में उनके गृहनगर में सिविल जज के रूप में नियुक्त हुई थी.

हिंदू लड़कियों में कुछ बनने की चाह

सिंध के एक राजनेता रमेश कुमार वंकवानी ने कहा कि उनका मानना ​​है कि युवा हिंदू लड़कियों ने अपने परिवारों के समर्थन से शिक्षा और उच्च अध्ययन के प्रति अधिक झुकाव और पहल दिखाई है. उन्होंने कहा, “हमारी युवा महिलाएं हमें गौरवान्वित कर रही हैं. सिंध में हमारे पास डॉक्टर, सिविल सेवक, पुलिस अधिकारी आदि हैं.”

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