मंत्री नागर ने इशारा किया: कुछ लोग मंत्री विपुल व गौरव गौतम की दोस्ती तोड़ने की कोशिश में

फरीदाबाद : हरियाणा की नायब सरकार में कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री राजेश नागर और खेल राज्यमंत्री गौरव गौतम की तिकड़ी सियासी हलकों में चर्चाओं में रहती है। अब एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मंत्री नागर कह रहे हैं कि कुछ लोगों ने उनकी दोस्ती तुड़वाने की कोशिश भी की। उन्होंने मंच से दो-तीन बार इसका जिक्र किया, हालांकि किसी का नाम नहीं लिया। इतना जरूर कहा कि आप लोग समझ ही गए होंगे। असल में विपुल गोयल व राजेश नागर की गिनती केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के विरोधी खेमे में होती है। गोयल और गुर्जर का सार्वजनिक मंच पर बहस का वीडियो भी वायरल हुआ था। वहीं, नागर जिस तिगांव हलके से विधायक हैं, वहां से गुर्जर अपने बेटे को चुनाव लड़वाना चाहते थे। गुर्जर खुद भी तिगांव से विधायक रह चुके हैं।
ऐसे में चर्चा है कि दोस्ती तुड़वाने की कोशिश करने वाले बयान के पीछे कृष्णपाल गुर्जर खेमे की तरफ इशारा है। ये वीडियो 12 अक्टूबर की शाम का बताया जा रहा है। उस दिन फरीदाबाद के सेक्टर-37 में बीजेपी के एक नेता ने सम्मान समारोह रखा था। जिसमें मंत्री विपुल गोयल, राजेश नागर और गौरव गौतम साथ पहुंचे। पहले भी फरीदाबाद और पलवल जिलों में होने वाले कार्यक्रमों में तीनों अकसर साथ दिखते हैं। कृष्णपाल गुर्जर फरीदाबाद से सांसद हैं, जिसमें पलवल जिला भी आता है।
वीडियो में राजेश नागर क्या कह रहे…
कुछ लोगों ने बहुत कोशिशें की दोस्ती न चले: मंच पर माइक थामे मंत्री राजेश नागर कह रहे हैं-कुछ लोगों ने बहुत कोशिश की है कि उनकी दोस्ती ना चले सके। विपुल गोयल मेरे बाल सखा हैं। 45 साल की बचपन की दोस्ती बिना किसी स्वार्थ के है। इसलिए दोस्ती चली आ रही है। न विपुल गोयल को पता था कि मंत्री बनूंगा और न ही मुझे पता था कि मंत्री बनूंगा। बचपन की दोस्ती में कोई लाभ लालच नहीं होता।
आप समझ गए होंगे मैं क्या कहना चाहता हूं
उन्होंने कहा कि युवा दिलों की धड़कन विधानसभा में मेरे साथी खेल मंत्री गौरव गौतम। हमें साथ देखकर बहुत सारे लोगों को….(चुप हो गए और सामने लोग हंसने लगे)। फिर नागर बोले—बाकी समझ गए आप जो मैं कहना चाह रहा था। जिसके बाद लोगों ने बंसी वाले की जय… का जयकारा सभा में लगा दिया।
खजाने की चाबी विपुल गोयल के पास
नागर ने आगे कहा-कोई भी पार्षद ये ना भूले कि आज जो भी विकास फरीदाबाद नगर निगम क्षेत्र में होगा, उसकी सारे खजाने की चाबी मंत्री विपुल गोयल के पास है। पैसा कहां से आएगा, इसकी चिंता नहीं। पैसा यहीं से आएगा, बैंक यही हैं (विपुल गोयल की तरफ इशारा करके)। मंत्री ने कह रखा है कि करोड़ों रुपए चाहिए, 100 करोड़ चाहिए, 200 करोड़ चाहिए, 500 करोड़ चाहिए, 1000 करोड़ चाहिए….कितने ही पैसे ले लो फरीदाबाद का विकास होना चाहिए।
कृष्णपाल और विपुल की मंच पर बहस हुई तो टिकट कटा
फरीदाबाद में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर गुट और तीनों मंत्रियों के बीच लंबे समय से राजनीतिक मतभेद चला आ रहा है। मंत्री विपुल गोयल और कृष्णपाल गुर्जर के बीच विवाद उस समय हुआ था जब प्रदेश में मनोहर सरकार थी। 20 अक्तूबर 2018 को एनआईटी मैदान में दशहरा उत्सव के दौरान केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और मंत्री विपुल गोयल के बीच सार्वजनिक तौर पर विवाद हुआ था। इस विवाद के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। जिसके बाद से ही दोनों के बीच दूरियां बढ़ती चली गईं। साल 2019 में विपुल गोयल का टिकट कट गया। तब दोनों के बीच दूरियां और भी ज्यादा बढ़ गईं।
नागर और गुर्जर में तिंगाव सीट को लेकर खींचतान
केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और मंत्री राजेश नागर के बीच तिंगाव सीट को लेकर पनपा मतभेद आज भी बरकरार है। कृष्णपाल गुर्जर शुरू से ही इस सीट से अपने बेटे देवेंद्र को चुनाव लड़ाना चाहते थे, लेकिन राजेश नागर के चलते साल 2014 , 2019, 2024 में ऐसा नहीं हो पाया। पार्टी ने हर बार राजेश नागर को टिकट देकर मैदन में उतार दिया। साल 2024 में चुनाव जीतने के बाद राजेश नागर गुर्जर से मिलने तक नहीं पहुंचे थे।
गोयल गुर्जर से मिले, नागर ने बनाई थी दूरी
विपुल गोयल जब सैनी सरकार में मंत्री बने तो वह केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया था कि दोनों के बीच किसी तरह की कोई खटास नहीं है। वहीं, राजेश नागर ने गुर्जर से दूरी बनाए रखी। वह इस बात से नाराज थे कि उनकी जगह गुर्जर अपने बेटे को टिकट दिलाना चाहते थे। गौरव गौतम ने 2024 में पलवल सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा। तब चर्चा रही कि उन्हें टिकट दिलाने में कृष्णपाल गुर्जर की ही सिफारिश रही। हालांकि राजनीति में कब क्या बदल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे ही इनके रिश्तों में भी हुआ। 36 साल के गौरव गौतम को पहली बार विधायक बने और खेल राज्य मंत्री बना दिया गया। वे सबसे युवा मंत्री बन गए। चुनाव जीतने के बाद गौतम कृष्णपाल गुर्जर से मिलने पहुंचे थे।
मंत्री बनने के बाद विपुल-नागर के करीब हुए गौतम
कृष्णपाल गुर्जर और गौरव गौतम के सियासी रिश्तों की शुरुआत साल 2014 में हुई थी। तब गुर्जर फरीदाबाद से भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे। गुर्जर का यह पहला लोकसभा चुनाव था। मगर, गुर्जर ने कांग्रेस के अवतार भड़ाना को 4.66 लाख से ज्यादा वोटों से हरा दिया। यहीं से गौरव गौतम सक्रिय राजनीति में आए। 2014 में गुर्जर ने गौरव को अपने सांसद प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त कर लिया। तब ये कहा जाता था कि गौरव गौतम गुर्जर को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।
गौरव गौतम ने 2024 में पलवल सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा। तब चर्चा रही कि उन्हें टिकट दिलाने में गुर्जर की ही सिफारिश रही। इन नेताओं के करीबी सोर्स बताते हैं कि इसके बाद अचानक गौरव गौतम ने गुर्जर से किनारा करने लगे। वह कैबिनेट में ही उनके साथी मंत्रियों विपुल गोयल और राजेश नागर के करीब हो गए। गोयल और नागर के संबंध पहले से ही गुर्जर से अच्छे नहीं थे। विपुल गोयल के करीबी मानते हैं कि 2019 में उनकी टिकट गुर्जर ने ही कटाई थी।
कृष्णपाल गुर्जर के गुट में ये नेता
फरीदाबाद में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के खेमे में एनआईटी से विधायक सतीश फागना, बड़खल से विधायक धनेश अदलखा, बल्लभगढ़ से विधायक एंव पूर्व कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा सहित होडल के विधायक हरेन्द्र रामरतन आते हैं। ये सभी नेता गुर्जर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं। नगर निगम के चुनावों में भी इन्होंने गुर्जर के साथ मिलकर चुनाव प्रचार की बागडोर संभाली थी।




