राष्ट्रीय

लैंड रेगुलराइजेशन बिल पर महबूबा मुफ्ती का BJP और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर हमला

जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती ने लैंड रेगुलराइजेशन बिल को लेकर उमर अब्दुल्ला की सरकार पर हमला बोला है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, पीडीपी के लैंड रेगुलराइजेशन बिल, जिसे बीजेपी ने लैंड जिहाद बिल कहा था, उसको पारित होने से रोकने की बीजेपी की धमकी आज सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने ही पूरी कर दी है.

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुख्यमंत्री, जिन्होंने पहले आश्वासन दिया था कि उनके नेतृत्व में पीडीपी की किसी भी जनहितैषी पहल को कोई बाधा नहीं आएगी, एक बार फिर अपने वादे से मुकर गए हैं. यह उनकी अधूरी गारंटियों और वादों की बढ़ती सूची में एक और यू-टर्न है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि गरीबों के सिर पर छत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाए गए विधेयक को अब भूमि हड़पने के रूप में दिखाया जा रहा है. इससे भी ज्यादा दुख ये है कि इसे उसी सदन ने खारिज कर दिया जिस पर इन लोगों ने भारी भरोसा किया था और जिसे बमुश्किल एक साल पहले ही चुना था.

पीडीपी विधायक वहीद पारा ने क्या कहा?

बता दें कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी विधायक वहीद पारा द्वारा पेश किए गए उस बिल को अस्वीकार कर दिया, जिसमें राज्य और खाचरिय की जमीन पर मालिकाना हक को मान्यता देने की मांग की गई थी. उन्होंने कहा, सरकार अवैध कब्ज़े को वैध नहीं बना सकती है. सीएम उमर ने वहीद पारा से विधेयक वापस लेने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि ऐसा कदम मौजूदा कानूनों के खिलाफ होगा. हम कब्जे को वैध नहीं बना सकते.

बीजेपी से डरता तो पीडीपी की तरह हाथ मिला लेता

हालांकि, पीडीपी विधायक ने विधेयक वापस लेने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि सरकार इसे राजनीतिक वजहों से खारिज कर रही है. आप अपनी नीतियों के चलते इसे खारिज कर रहे हैं. बीजेपी इसे लैंड जिहाद कहती है. आप उनसे मत डरिए. इसके जवाब में सीएम उमर ने कहा, अगर बीजेपी से डरता तो पीडीपी की तरह हाथ मिला लेता, जैसे पीडीपी ने 2014 में किया था.

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