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मेरठ मकान हादसा: एक ही परिवार के 10 लोगों ने गंवाई जान, कॉलोनी में पसरा मातम, 7 साल की बच्ची का रो-रोकर बुरा हाल

मेरठः उत्तर प्रदेश के मेरठ में तीन मंजिला मकान गिरने से एक ही परिवार के 10 लोगों की मौत होने के बाद घनी आबादी वाले इलाके जाकिर कॉलोनी में मातम पसरा हुआ है। प्रशासन के अनुसार मेरठ में जाकिर कॉलोनी में तीन मंजिला मकान गिरने से रविवार को एक ही परिवार के 10 लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। मेरठ के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह ने हादसे के पीड़ितों से आज मुलाकात की और घटनास्थल का जायजा भी लिया। पीड़ित परिजनों को सरकारी आर्थिक मदद के सवाल पर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जान की कोई कीमत नहीं होती।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसी घटनाओं को लेकर बहुत संवदेनशील हैं और उनके ही निर्देश पर वह यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को मदद दी जाएगी। इस मौके पर जिलाधिकारी दीपक मीणा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन टांडा, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, कैंट से विधायक अमित अग्रवाल आदि मौजूद रहे। रविवार को जब इन लोगों के शव जाकिर कॉलोनी पहुंचे तो एक साथ इतने शवों को देखकर हर किसी की आंख से आंसू निकल रहे थे।

सात वर्षीय रिया घटना के बाद से गुमसुम है
स्थानीय लोगों का कहना है कि कब्रिस्तान में पहली बार एक साथ इतने शव पहुंचे थे, जिन्हें देर शाम सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इससे पहले जनाजे में जन सैलाब उमड़ पड़ा। हादसे के कारण केवल जाकिर कॉलोनी ही नहीं, बल्कि आसपास के इलाकों की दुकानें और बाजार बंद रहे। पीड़ित परिवार के रिश्तेदारों ने बताया कि हादसे के समय घर में 15 लोग मौजूद थे। रविवार देर शाम को प्रदेश के ऊर्जा राज्य मंत्री एवं क्षेत्र के विधायक सोमेंद्र तोमर भी पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे। राज्य मंत्री ने पीड़ित परिवार को हरसंभव सरकारी मदद दिलाने का आश्वासन दिया है। हादसे में अपने पिता साजिद (40) और बहन सानिया (15) को खो चुकी सात वर्षीय रिया घटना के बाद से गुमसुम है।

रिया ने अपने सामने अपना तीन मंजिला मकान गिरते हुए देखा था। मीडियाकर्मियों द्वारा सवाल पूछे जाने पर रिया इतना कहते हुए रोने लगती है कि घटना के समय वह घर के बाहर खेल रही थी और घर के अंदर अम्मी-अब्बू और परिवार के बाकी लोग थे। हादसे में जख्मी रिया की अम्मी शायमा अब भी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही हैं।

साजिद के रिश्तेदार हाफिज शाहरुख ने कहा कि घटना के बाद उन्हें और बाकी रिश्तेदारों को यह समझ ही नहीं आ रहा था कि अपने घायल रिश्तेदारों को संभालें या मारे गए रिश्तेदारों को सुपुर्द-ए-खाक करने का इंतजाम करें। पड़ोसी नसीम ने बताया कि अचानक से तेज धमाका हुआ और धूल के गुब्बार उड़े तथा देखते देखते-तीन मंजिला इमारत मलबे में तब्दील हो गई। इलाके में अंधेरा छा गया। बताया जा रहा है कि हादसे में मारी गई नदीम की पत्नी फरहाना (27) सात माह की गर्भवती थी।

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