मध्यप्रदेश

महमूद मदनी के बयान पर बवाल, केंद्रीय मंत्री सिंधिया बोले—‘न्यायालय पर ऐसी टिप्पणी अनुचित’

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के एक हालिया बयान पर माहौल गरमाया है. इस विवादित बयान को जहां कई मुस्लिम बुद्धिजीवी गलत बता रहे हैं. वहीं एनडीए और भाजपा के नेता भी मदनी को घेरे हुए हैं. अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महमूद मदनी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.

मध्य प्रदेश के इंदौर में मीडिया से बात करते हुए मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि प्रजातंत्र के किसी भी स्तंभ को खासकर हमारे न्यायालय पर किसी व्यक्ति को ऐसी औछी टिप्पणी कभी नहीं करनी चाहिए. हमारा प्रजातंत्र इसलिए मजबूत है क्योंकि हमारे चार स्तंभ हैं. चारों स्तंभों का मान-सम्मान सदैव रखना ये भारत राष्ट्र के हर नागरिक की जिम्मेदारी होती है और इसे सभी को बरकरार रखना चाहिए. हालांकि इस दौरान सिंधिया ने महमूद मदनी का नाम नहीं लिया.’

सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेकर करे सुनवाई

मौलाना महमूद मदनी के बयान पर भाजपा के सांसद संबित पात्रा ने भी पलटवार किया है. उन्होंने कि महमूद मदनी का भोपाल से दिया गया बयान भड़काऊ और देश को बांटने वाला है. संबित पात्रा ने कहा कि जिहाद के नाम पर जिस प्रकार से लोगों ने भारत में ही नहीं, बल्कि भारत के बाहर भी आतंक फैलाया है, वह हमने देखा है. उन्होंने आगे कहा कि मौलाना मदनी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को सुप्रीम कहलाने का कोई अधिकार नहीं है. मौलाना मदनी के इस बयान को सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान में लेकर इसकी सुनवाई करनी चाहिए.

महमूद मदनी ने क्या कहा था?

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने ‘जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए आपत्तिजनक बयान दिया. शनिवार को भोपाल में आयोजित प्रबंधन कमेटी की सभा में मदनी ने अपने बयान में देश के वर्तमान हालातों को बहुत संवेदनशील और चिंताजनक बताया. उन्होंने आरोप लगाए कि एक खास समुदाय को जबरदस्ती निशाना बनाया जा रहा है. इसी दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल उठाए. मौलाना ने कहा कि जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा. बस इसी जिहाद वाले शब्द पर देश का माहौल गरमाया हुआ है. बीजेपी और एनडीए में शामिल दल उन पर हमलावर हैं.

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