ममता बनर्जी ने दी हिंदी दिवस की बधाई, बताया भाषा के लिए अब तक किए गए प्रयास

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी दिवस पर राज्य और देशभर के लोगों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि सभी भाषाओं के प्रति उनका सम्मान है. इस अवसर पर सभी हिंदी भाषी भाई-बहनों को उन्होंने शुभकामनाएं दीं. ममता ने यह भी याद दिलाया कि उनकी सरकार ने हिंदी और अन्य भाषाओं के विकास और सम्मान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
ममता बनर्जी ने कहा कि जिन इलाकों में 10 प्रतिशत से ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं वहां हिंदी को सरकारी भाषा का दर्जा दिया गया है. इसके साथ ही संथाली, कुरुख, कुड़माली, नेपाली, उर्दू, राजवंशी, कामतापुरी, उड़िया, पंजाबी और तेलगु जैसी भाषाओं को भी मान्यता दी गई है. सादरी भाषा को बढ़ावा देने के लिए भी राज्य सरकार काम कर रही है.
शिक्षा के क्षेत्र में हिंदी को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में हिंदी भाषा की शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. हावड़ा में हिंदी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है. बानारहाट और नक्सलबाड़ी में हिंदी मीडियम डिग्री कॉलेज खोले गए हैं. कई कॉलेजों में हिंदी में पोस्टग्रेजुएट कोर्स शुरू हुए हैं और उच्च माध्यमिक परीक्षा के प्रश्नपत्र भी अब हिंदी में उपलब्ध हैं. साथ ही रवीन्द्र मुक्त विद्यालय के छात्रों को हिंदी में परीक्षा देने की सुविधा दी गई है.
हिंदी भाषी समुदाय के लिए योजनाएं
राज्य सरकार ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले हिंदी भाषी लोगों के लिए मुफ्त सामाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू की हैं. गंगासागर मेले के लिए बेहतरीन आधारभूत संरचना तैयार की गई है. इसके अलावा छठ पूजा को ध्यान में रखते हुए दो दिन की सरकारी छुट्टी की घोषणा की है.
14 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय हिंदी दिवस की 76वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. भारत की आजादी के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को देवनागरी लिपि में संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता दी थी. तभी से यह दिन हिंदी के महत्व को याद करने के लिए मनाया जाता है.