राजनीति

मजबूती से रखें अपनी बात, आपका मुकाबला स्तरहीन लोगों से है… कांग्रेस प्रवक्ताओं को राहुल गांधी का मंत्र

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दिल्ली में राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पार्टी प्रवक्ताओं के साथ बैठक में हिस्सा लिया. सूत्रों का कहना है किराहुल गांधी ने देश भर से आए करीब 140 प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट से कहा किबीजेपी के ट्रैप में नहीं फंसना है. टीवी डिबेट में अपना पक्ष आक्रामक तरीके से रखें, बिल्कुल भी डिफेंसिव नहीं होना है. बीजेपी के पास तथ्यों और इतिहास का अभाव है, जो आपके पास भरपूर है. इसका पूरा इस्तेमाल कीजिए.

सूत्रों के मुताबिक, प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट से राहुल गांधी ने कहा कि वो (बीजेपी नेता) सिर्फ जोर-जोर से बोलकर आपको दबाने की कोशिश करते हैं, आप तथ्यों का फायदा और सहारा लीजिए. आपका मुकाबला स्तरहीन और कम ज्ञानी लोगों से है. आपको उस स्तर पर उतरकर बहस नहीं करनी है. अपनी बात मजबूती से रखिए और सामने से स्तरहीन, बे-सिर-पैर की बातें की जाएं तो सामने वाले को स्तरहीन बताकर इग्नोर कर दीजिए.

कितनी भी आलोचना हो, हम पीछे हटने वाले नहीं

बैठक में राहुल गांधी ने ये भी कहा कि टीवी डिबेट में आप लोग विषम परिस्थितियों में पार्टी का पक्ष रख रहे हैं, इसके लिए आपको बधाई. साथ ही राहुल ने जातिगत जनगणना पर साफ किया कि कितनी भी आलोचना हो, हम पीछे हटने वाले नहीं. हमारे दबाव में ही बीजेपी सरकार ने इसकी घोषणा की लेकिन इसका क्रेडिट उनको नहीं हमको मिलेगा. प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट को ये सब बताने के बाद राहुल गांधी ने एक-एक करके सबके साथ अलग-अलग तस्वीर खिंचवाई.

ये हमारे विचार और संघर्ष की निरंतरता है: खरगे

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक पोस्ट में कहा,ये कार्यशाला केवल एक कार्यक्रम नहीं है. ये हमारे विचार और संघर्ष की निरंतरता है. हम सभी जानते हैं कि जातिगत जनगणना का मुद्दा कोई नया नहीं है. कांग्रेस पार्टी ने इसे लगातार उठाया है. मैंने अप्रैल 2023 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग दोहराई थी कि जाति जनगणना को तत्काल शुरू किया जाए.

उन्होंने कहा, उस पत्र में मैंने साफ कहा था, जब तक हमारे पास सही आंकड़े नहीं होंगे, तब तक कोई भी सरकार यह दावा नहीं कर सकती कि वह सबको न्याय दिला रही है. आज हमें यह पूछना है, ओबीसी, दलित और आदिवासी समुदायों की देश के सत्ता-संरचनाओं में भागीदारी क्या है? हमें ये भी मांग करनी है कि संविधान के अनुच्छेद 15(5) को तुरंत लागू किया जाए. ताकि ओबीसी, दलित और आदिवासी छात्रों को निजी शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिले.

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