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विदेशों में छा रही ‘मेड इन यूपी’ शराब, एक्सपोर्ट 100 करोड़ लीटर के पार होने की उम्मीद

उत्तर प्रदेश दुनिया के लीकर सेक्टर पर तेजी से अपनी पहचान बना रहा है. आने वाले सालों में यहां से बनने वाली शराब की खपत सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बड़े पैमाने पर देखने को मिल सकती है. इस बीच PTI की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश डिस्टिलरी एसोसिएशन का कहना है कि अगर ऐसे ही विकास की रफ्तार रही, तो 2026 तक राज्य से होने वाला शराब का निर्यात 1000 मिलियन लीटर यानी 100 करोड़ लीटर को पार कर जाएगा.

ये आंकड़े दिखाते हैं कि लीकर इंडस्ट्री की राज्य की अर्थव्यवस्था में कितनी बड़ी भूमिका निभा रहा है और आगे चल कर भी इसमें अच्छे ग्रोथ की संभावना बनी हुई है.

पिछले पाँच सालों में रिकॉर्ड ग्रोथ

शराब के उत्पादन और निर्यात के मामले में यूपी ने पिछले पाँच सालों में चौंकाने वाली ग्रोथ दिखाई है. साल 2017-18 में राज्य में सिर्फ 61 डिस्टिलरी थीं, जो करीब 170 अरब लीटर शराब बनाती थीं. लेकिन 2022-23 आते-आते यह आंकड़ा बढ़कर 85 डिस्टिलरियों तक पहुंच गया, जो कुल 348 अरब लीटर उत्पादन कर रही हैं. यह दोगुने से भी ज्यादा बढ़त है.

इतना ही नहीं, सिर्फ एक साल में ही 18 नई डिस्टिलरियां चालू की गई और 20 नई डिस्टिलरी अभी निर्माणाधीन हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य में शराब उद्योग कितनी तेजी से फैल रहा है.

निर्यात में 155% की बढ़ोतरी

सिर्फ उत्पादन ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश शराब के निर्यात में भी जबरदस्त प्रदर्शन कर रहा है. साल 2017-18 में जहां सिर्फ 292 मिलियन लीटर शराब विदेशों में भेजी गई थी, वहीं 2022-23 में यह आंकड़ा 743 मिलियन लीटर तक पहुंच गया, जो करीब 155% की वृद्धि है. आज उत्तर प्रदेश में बनी शराब 38 अलग-अलग देशों में निर्यात की जा रही है. यह राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि इससे विदेशी मुद्रा भी आ रही है और रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में शराब उद्योग के इस तेज विकास के पीछे सरकार की नीतियों का भी अहम योगदान माना जा रहा है. ई-गवर्नेंस, सिंगल विंडो क्लियरेंस जैसी सुविधाओं ने निवेशकों को आसानी से उद्योग में प्रवेश करने का मौका दिया है. इसके अलावा एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ENA) के निर्यात शुल्क में कमी से भी कारोबार को बढ़ावा मिला है.

मेड इन यूपी बन रहा है ग्लोबल ब्रांड

एसोसिएशन और एपीडा (APEDA) की साझेदारी में चल रहे मेड इन यूपी ब्रांडिंग अभियान ने भी विदेशी बाजारों में राज्य की पहचान मजबूत की है. अब दुनिया भर में ‘मेड इन यूपी’ टैग वाली शराब की मांग बढ़ रही है, जिससे आने वाले समय में और भी ज्यादा निर्यात की संभावना बन रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला तो 2026 तक उत्तर प्रदेश से 1000 मिलियन लीटर यानी 100 करोड़ लीटर से भी अधिक शराब का निर्यात होगा.

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