पहलगाम हमले का खौफ अमरनाथ यात्रा पर, LG मनोज सिन्हा ने बताई रजिस्ट्रेशन में आई कितनी कमी

अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है. हाल ही में सामने आया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए अटैक का असर यात्रा पर भी पड़ा है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के कुछ ही महीनों बाद होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन में गिरावट देखी गई है. एलजी ने कहा कि इस साल की अमरनाथ यात्रियों की संख्या में गिरवाट का सीधा कनेक्शन पहगलाम अटैक से है.
एलजी ने कहा, 22 अप्रैल को पहगलाम में हुए दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, रजिस्ट्रेशन में गिरावट देखी गई है, लेकिन यह फिर से बढ़ रही है. हम उन लोगों तक पहुंच रहे हैं जिन्होंने 22 अप्रैल से पहले पंजीकरण कराया था. साथ ही एलजी ने उम्मीद जताते हुए कहा, यह संख्या बढ़ेगी.
सुरक्षा को लेकर किए गए पुख्ता इंतजाम
इस साल सुरक्षा संबंधी चिंताएं ज्यादा होने की वजह से, मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कंपनियों की संख्या बढ़ा दी गई है. जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीएपीएफ ने एक अचूक सुरक्षा प्रणाली (Foolproof Security System) स्थापित की है और अमरनाथ गुफा के दोनों मार्गों पर तीन लेवल की सुरक्षा होगी. मॉक ड्रिल भी पूरी हो चुकी है. सिन्हा ने कहा कि पर्यटक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
उन्होंने कहा, मैं जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपाय किए गए हैं. यात्रा के लिए कश्मीर जाने वाले श्रद्धालुओं से अपनी अपील में, सिन्हा ने इस बात पर जोर दिया कि सभी व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी श्रद्धालुओं को काफिले के साथ यात्रा करनी चाहिए, यहां तक कि अपनी निजी कारों में यात्रा करने वालों को भी काफिले के साथ यात्रा करनी चाहिए.
हेलीकॉप्टर सेवाओं पर रोक
इस साल की यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवाएं शामिल नहीं होंगी क्योंकि क्षेत्र को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है. हालांकि, एलजी ने कहा कि सिर्फ 8 प्रतिशत यात्रियों ने ही इस सेवा का इस्तेमाल किया और इससे संख्या पर प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है. दरअसल, अमरनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों के लिए दो मुख्य मार्ग हैं, पारंपरिक पहलगाम मार्ग और छोटा बालटाल मार्ग.
उन्होंने कहा कि गुफा तक जाने वाला मार्ग जो पहले लगभग 5 फीट चौड़ा था, अब 12 फीट तक चौड़ा कर दिया गया है और ट्रेक के सभी संवेदनशील स्थानों को संबोधित किया गया है.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को अटैक हुआ. इस हमले में आतंकवादियों ने बेरहमी से निहत्थे पर्यटकों पर गोलियां बरसाई. इस अटैक में 26 लोगों की मौत दर्ज की गई है. इस हमले के बाद ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लिया और ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया गया.